उद्धारकर्ता की वाट जोह रहा बसुआचक पुस्तकालय
उद्धारकर्ता की वाट जोह रहा बसुआचक पुस्तकालय फोटो संख्या:06चित्र परिचय- जर्जर पुस्तकालय भवनप्रतिनिधि, चाननप्रखंड के भलूई पंचायत के बसुआचक गांव में स्थित एकलौता पुस्तकालय आज अपने उद्धारकर्ता की बाट जोह रहा है. वर्ष 1949 में उक्त पुस्तकालय का निर्माण स्व रामेश्वर यादव के द्वारा कराया गया था. आज रख-रखाव के अभाव में यह पुस्तकालय जर्जर […]
उद्धारकर्ता की वाट जोह रहा बसुआचक पुस्तकालय फोटो संख्या:06चित्र परिचय- जर्जर पुस्तकालय भवनप्रतिनिधि, चाननप्रखंड के भलूई पंचायत के बसुआचक गांव में स्थित एकलौता पुस्तकालय आज अपने उद्धारकर्ता की बाट जोह रहा है. वर्ष 1949 में उक्त पुस्तकालय का निर्माण स्व रामेश्वर यादव के द्वारा कराया गया था. आज रख-रखाव के अभाव में यह पुस्तकालय जर्जर हो चुका है. इसे देखनेवाला कोई नहीं है. ग्रामीण सुरेश यादव, राजेश यादव, खीरू यादव उर्फ प्रमोद यादव, वकील मोदी, धुनी यादव, सुधीर यादव आदि ने बताया कि उक्त पुस्तकालय का निर्माण स्व रामेश्वर यादव के द्वारा स्थानीय युवाओं को प्लेटफाॅर्म देने के उद्देश्य से किया गया. उचित देखभाल के अभाव में पुस्तकालय जर्जर हो गया. इसके जीर्णोद्धार के लिये कई बार जन प्रतिनिधियों से मांग की गयी, लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. पुस्तकालय से रेवटा, मननपुर, चुरामनबीघा, भलूई आदि गांव के लोगों को लाभ होता था. लोग यहां रखे रेडियो से समाचार सुनने आते थे. इस पुस्तकालय में प्रतिदिन तीन दर्जन लोगों का जमावड़ा हुआ करता था. आसपास के क्षेत्रों का कोई भी कार्यक्रम पुस्तकालय में ही आयोजित होता था. लेकिन आज खंडहर में तब्दील हो चुके इस पुस्तकालय की वजह से शिक्षा प्रेमियों में निराशा है. अगर पुस्तकालय का जीणोद्धार होता तो क्षेत्र के तमाम शिक्षा प्रेमी व युवा इससे लाभान्वित होते.