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खुले में बिक रही खाद्य सामग्री, फूड सेफ्टी एक्ट को ठेंगा

खुले में बिक रही खाद्य सामग्री, फूड सेफ्टी एक्ट को ठेंगाफोटो संख्या:02 – नाश्ते की दुकान में खुले में खाद्य पदार्थ.फोटो संख्या:03-ठेला पर खाद्य पदार्थ बेचते दुकानदार.प्रतिनिधि, लखीसरायजिले में भी फूड सेफ्टी एक्ट लागू है, लेकिन शहर के विभिन्न चौक-चौराहे पर खुले में खाद्य सामग्री की बिक्री जारी है. पूर्ण सुरक्षा व रख-रखाव नहीं होने […]

खुले में बिक रही खाद्य सामग्री, फूड सेफ्टी एक्ट को ठेंगाफोटो संख्या:02 – नाश्ते की दुकान में खुले में खाद्य पदार्थ.फोटो संख्या:03-ठेला पर खाद्य पदार्थ बेचते दुकानदार.प्रतिनिधि, लखीसरायजिले में भी फूड सेफ्टी एक्ट लागू है, लेकिन शहर के विभिन्न चौक-चौराहे पर खुले में खाद्य सामग्री की बिक्री जारी है. पूर्ण सुरक्षा व रख-रखाव नहीं होने के कारण इन खाद्य पदार्थों पर मक्खियां भिनभिनाती हैं. इस कारण ये पदार्थ जीवाणुओं व विषाणुओं से संक्रमित हो जाते हैं. इसके खाने से लोग बीमार होते हैं. बावजूद इसके जिला प्रशासन के पदाधिकारी व खाद्य पदार्थों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये जिम्मेदार पदाधिकारी को यह सब नजर नहीं आता. शहर के फुटपाथ पर सजने वाली खाने-पीने की दुकानों का तो काफी बुरा हाल है. शहर के अधिकतर होटलों व सड़क किनारे ढाबा के पास फूड लाइसेंस नहीं है. इन दुकानों में नाश्ता के अलावे लोगों को भोजन भी कराया जाता है. वे अवैध तरीके से खाद्य पदार्थों की बिक्री कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. प्रशासनिक लापरवाही के कारण हजारों लोगों का स्वास्थ्य खतरे में रहता है.क्या है खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम 2011खाद्य सुरक्षा व मानक 2006 व अधिनियम-2011 की धारा 31 के अंतर्गत ऐसे सभी खाद्य कारोबारी जो खाद्य का विनिर्माण, प्रसंस्करण, छंटाई, श्रेणीकरण आदि सहित दुग्ध संग्रह, ठंडा करना, निष्कर्षण इकाई, तेल पेराई युक्त, विलायक निष्कर्ष संयंत्र, तेल शोधक संयंत्र पैकेजिंग, पुन: लेबलिंग, भंडारण, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोर्स, फुटकर व्यापार, थोक व्यापार आदि अन्य कारोबार करते हैं. उनके लिये खाद्य पंजीयन अनुज्ञप्ति आवश्यक है. उन्हें बिना रजिस्ट्रेशन के खाद्य कारोबार करते हुए पाये जाने पर खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम 2006 की धारा 50 के अंतर्गत 25 हजार रुपये तक जुर्माना भरना होगा. बगैर लाइसेंस के खाद्य कारोबार करते पाये जाने पर खाद्य सुरक्षा व मानक अधिनियम 2006 की धारा 63 के तहत सजा व 83 लाख रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान है. क्या कहते हैं चिकित्सकचिकित्सक डा एमएन सिंह के मुताबिक सड़क किनारे खाद्य पदार्थ पर मक्खियों के बैठने व भिनभिनाने से भोजन दूषित हो जाता है. इससे लोगों को पेट से संबंधित कई तरह की परेशानी होती है. इस कारण लोग लूज मोशन, वोमेटिंग, डिसेंट्री व टाइफाइड जैसी बीमारियों का शिकार होते हैं.क्या कहते हैं फूड इंस्पेक्टरलखीसराय के फूड इंस्पेक्टर का अतिरिक्त प्रभार संभाले मुंगेर के फूड इंस्पेक्टर राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि खाद्य दुकानों की नियमित जांच की जाती है. पिछले दिनों जिला प्रशासन के निर्देश पर दुकानों में खाद्य पदार्थों की सघन जांच कर सेंपल लेकर उसे जांच के लिये लेबोरेटरी में भेजा गया. उन्होंने बताया कि नियमों का उल्लंघन का दोषी पाये जानेवाले दुकानदार के खिलाफ पांच लाख तक का जुर्माना व छह माह तक की सजा का प्रावधान है. जिले में रजिस्ट्रेशन व लाइसेंसी दुकानों की संख्या लगभग तीन सौ के करीब है. क्या कहते हैं सिविल सर्जनसिविल सर्जन डा राजकिशोर प्रसाद ने बताया कि फूड इंस्पेक्टर द्वारा जिला में खाद्य पदार्थो की जांच की जाती है. लखीसराय जिला में कोई फूड इंस्पेक्टर नहीं हैं. मुंगेर के ही फूड इंस्पेक्टर यहां का कार्य देखते हैं. उन्हीं के द्वारा खाद्य पदार्थों की जांच की जाती है. पिछले दिनों त्योहर के महीने में खाद्य पदार्थ का सेंपल लेबोरेटरी में जांच के लिये भेजा गया था.

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