बंद पड़ा है नवजात शिशु देखाभाल केंद्र
बंद पड़ा है नवजात शिशु देखाभाल केंद्र फोटो : 4(बंद पड़ा नवजात शिशु देखाभाल केंद्र)प्रतिनिधि, जमुई सदर अस्पताल परिसर स्थित नवनिर्मित नवजात शिशु देखभाल केंद्र कर्मियों की कमी की वजह से आज तक बंद पड़ा हुआ है. अस्पताल कर्मियों की माने तो सितंबर 2012 से लेकर अगस्त 2015 तक लगभग तीन वर्षों में 22 लाख […]
बंद पड़ा है नवजात शिशु देखाभाल केंद्र फोटो : 4(बंद पड़ा नवजात शिशु देखाभाल केंद्र)प्रतिनिधि, जमुई सदर अस्पताल परिसर स्थित नवनिर्मित नवजात शिशु देखभाल केंद्र कर्मियों की कमी की वजह से आज तक बंद पड़ा हुआ है. अस्पताल कर्मियों की माने तो सितंबर 2012 से लेकर अगस्त 2015 तक लगभग तीन वर्षों में 22 लाख की लागत से अत्याधुनिक नवजात शिशु देखभाल केंद्र का निर्माण हुआ है और इस देखभाल केंद्र में छह सेट यंत्र सयंत्र की खरीदारी की गयी है. प्रत्येक सेट की कीमत 1 लाख 39 हजार रुपया है और एक सेट में रेडियेंट वार्मर, फोटोथैरेपी मशीन तथा ऑक्सीजन कन्संट्रेटर शामिल है. इसके अलावे 70 हजार की लागत से एक बुलरोविनो मीटर भी लगाया गया है. साथ ही 50 केवी का एक जेनरेटर,दो एसी मशीन,एक चिकित्सक, एक शिशुरोग विशेषज्ञ तथा पांच नर्स के बैठने के लिए चैंबर भी बनाया गया है. लाखों के यंत्र संयंत्र लगने के बावजूद भी आज तक इसे विभागीय लापरवाही की वजह से चालू नहीं किया जा सका है. कर्मियों की माने तो नवजात शिशु देखभाल केंद्र का निर्माण करने वाली कंपनी टीसीआईएल के द्वारा 20 नवंबर 2015 को सारा यंत्र संयंत्र चला कर और नर्स आदि को प्रशिक्षण भी दे दिया गया है. इसके बावजूद भी आज तक इसका चालू नहीं होना विभागीय शिथिलता को दर्शाने के लिए पर्याप्त है. अस्पताल कर्मियों ने बताया कि नवजात शिशु देखभाल केंद्र के चालू नहीं होने के कारण हमलोगों को मजबूरी में नवजात बच्चों को यत्र तत्र इलाज के लिए भेज देना पड़ता है. कहते हैं सिविल सर्जनइस बाबत पूछे जाने पर सिविल सर्जन डा. अजीत कुमार ने बताया कि नवजात शिशु देखभाल केंद्र में शीघ्र ही कर्मियों का पदस्थापन कर उसे चालू कर दिया जायेगा.