वर्चस्व की लड़ाई में गयी विवेका की जान
वर्चस्व की लड़ाई में गयी विवेका की जान जमुई. बीते शुक्रवार की सुबह पूर्व से घात लगाये अपराधियों ने विवेका यादव की हत्या कर दी. सूत्रों की मानें तो विवेका यादव की हत्या क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर की गयी है. घटना के बाबत पुलिस ने पुष्टि की है कि विवेका यादव की हत्या रमेश […]
वर्चस्व की लड़ाई में गयी विवेका की जान जमुई. बीते शुक्रवार की सुबह पूर्व से घात लगाये अपराधियों ने विवेका यादव की हत्या कर दी. सूत्रों की मानें तो विवेका यादव की हत्या क्षेत्र में वर्चस्व को लेकर की गयी है. घटना के बाबत पुलिस ने पुष्टि की है कि विवेका यादव की हत्या रमेश हेमब्रम गिरोह ने की है. बताते चलें कि चकाई प्रखंड क्षेत्र के ठाड़ी पंचायत के विशोदह निवासी स्व दामोदर यादव के तीसरे पुत्र नक्सली विवेक यादव जेल से निकलने के बाद अपना आशियाना झारखंड प्रदेश के देवघर में बना लिया था, लेकिन अपना हूकूमत आज भी चकाई प्रखंड क्षेत्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में ही चलता था. सूत्रों की मानें तो बचपन से ही कड़क मिजाजी व्यक्ति था और पांचवीं कक्षा पास करने के बाद ही नक्सली संगठन में शामिल हो कर अपराधिक कारनामों में भागीदारी करने लगा था. ईलाका में नक्सली संगठन के लिए पर्चा साटना, लेवी वसूलना, फोन पर धमकी देना, हत्या, लूट, जैसी घटनाओं को बेधड़क अंजाम देने की भजह से विवेक नक्सली संगठन के लिए आंख का तारा बन गया था. हालांकि वर्तमान के दिनों में जेल से निकलने के बाद अलग रह कर अपने कारनामों को अंजाम देने में लगा हुआ था. लेकिन उसके दबंगई स्वभाव में कोई कमी नहीं आयी थी. जो रमेश हेंब्रम गिरोह को खटकने लगा था. उक्त गिरोह के सदस्य मौके की तलाश में था़ प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि विवेका यादव के देवघर से चलने के समय से रैकी किया जा रहा था और मौक पाते ही हमलावरों ने ताबड़तोड़ हमला कर मौत के घाट उतार दिया. पुलिस की मानें तो मृतक विवेक पर चकाई, चंद्रमंडीह, सिमुलतला, लक्ष्मीपुर, जसीडीह सहित कई थाना में उपरोक्त घटनाओं में कांड अंकित है़ थानाध्यक्ष अजीत कुमार मानते हैं कि विवेक यादव जेल से निकलने के उपरांत भी नक्सली संगठन के लिए काम करता था. उसकी हत्या से नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है.