कुंदर जलाशय योजना जल्द बराज का रूप लेगा

कुंदर जलाशय योजना जल्द बराज का रूप लेगा प्रतिनिधि, लखीसरायलखीसराय-जमुई जिले की सीमा पर 1960 से पूर्व स्थापित कुंदर जलाशय योजना जल्द बराज का रूप लेगा. इसको लेकर बिहार सरकार के सिंचाई योजना एवं विकास मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह द्वारा आगामी 27 दिसंबर को सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 24, 2015 7:25 PM

कुंदर जलाशय योजना जल्द बराज का रूप लेगा प्रतिनिधि, लखीसरायलखीसराय-जमुई जिले की सीमा पर 1960 से पूर्व स्थापित कुंदर जलाशय योजना जल्द बराज का रूप लेगा. इसको लेकर बिहार सरकार के सिंचाई योजना एवं विकास मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह द्वारा आगामी 27 दिसंबर को सिंचाई विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, मुख्य इंजीनियर व टेक्निकल इंजीनियर के साथ कुंदर जलाशय योजना का निरीक्षण करेंगे. बताते चले की कुंदर जलाशय योजना की स्थापना 1960 से पूर्व निर्वतमान मुख्यमंत्री स्व श्रीकृष्ण सिंह द्वारा किसानों की मांग को देखते हुए किया गया था. इससे लखीसराय जमुई जिले के धनहर इलाकों के किसान खेतों में पटवन करते थे. परंतु धीरे-धीरे कुंदर जलाशय योजना का उपयोग घटता गया. दो वर्ष पूर्व निर्वतमान सांसद सह सिचाई मंत्री की पहल पर निर्वतमान सिचाई मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कुंदर जलाशय योजना पर प्राक्कलन बनाकर राशि उपलब्ध करायी. लेकिन सिचाई विभाग के टेक्निकल इंजीनियर ने सर्वे किया तो प्राकलन के अनुरूप राशि नहीं थी. इसके परिणामस्वरूप यह कार्य खटाई में पड़ गया था. इधर किसानों द्वारा पांच दशकों से कुंदर जलाशय योजना को दुरूस्त करने की बराज बनाने की मांग उठा रहे थे. आखिरकार बिहार सरकार के सिंचाई विभाग की पूरी टीम ने कुंदर जलाशय योजना का निरीक्षण करने का निर्णय लिया. इससे किसानों में खुशी का माहौल है. इस संबंध में पूर्व जिला पार्षद अध्यक्ष रामशंकर सिंह, अशोक कुमार, मधेश्वर प्रसाद सिंह, काजी प्रसाद यादव सहित कई लोगों ने बताया कि कुंदर जलाशय योजना को निरीक्षण के बाद बराज का रूप दिया जायेगा. इससे लखीसराय के हलसी, रामगढ़, लखीसराय, चानन, सूर्यगढ़ा व पिपरिया के एक पंचायत व जमुई जिले के सिकंदरा के अलावे जमुई के कुछ धनहर क्षेत्र लाभान्वित होंगे. उन्हाेंने बताया कि बराज बनने पर एक बारिश के बाद भी किसानों को पटवन के लिए सोचना नहीं पड़ेगा. इन क्षेत्रों में खरीफ फसल किसानों को दोगुना मिल पायेगी.

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