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एक पार्क के लिए तरस रहा है लखीसराय

एक पार्क के लिए तरस रहा है लखीसराय फोटो संख्य :01चित्र परिचय: लाली पहाड़ी लखीसराय: लखीसराय को 1994 में जिला का दर्जा मिला था, लेकिन लखीसराय शहर में कई प्रमुख शहरी व्यवस्था अब तक नहीं हो पायी है. इनमें सबसे बड़ी कमी एक अदद पार्क का नहीं होना है. इसके कारण शहरवासी और सबसे अधिक […]

एक पार्क के लिए तरस रहा है लखीसराय फोटो संख्य :01चित्र परिचय: लाली पहाड़ी लखीसराय: लखीसराय को 1994 में जिला का दर्जा मिला था, लेकिन लखीसराय शहर में कई प्रमुख शहरी व्यवस्था अब तक नहीं हो पायी है. इनमें सबसे बड़ी कमी एक अदद पार्क का नहीं होना है. इसके कारण शहरवासी और सबसे अधिक बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. हालांकि शहर के लोग नया बाजार स्थित लाली पहाड़ी के समीप पार्क बनाने की मांग वर्षों से प्रशासन से करते आ रहे है, लेकिन इस मांग को प्रशासनिक व राजनीतिक स्तर पर पूरा करने की बात तो दूर, वर्षों पूर्व से रेलवे की जमीन पर बना पार्क भी आज सब्जी मंडी में तब्दील हो गया है. इस पार्क में रेलवे ने फव्वारा सहित फूल-पौधे लगाया था. इसके अलावा अन्य एक-दो स्थानों पर पूर्व से पार्क बना हुआ था, लेकिन शहर की बढ़ती आबादी ने इसे लील लिया.पर्यटन स्थल के रूप में पहचान बना रही है लाली पहाड़ी नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड संख्या 32 व 33 के बीच शहर से समाहरणालय की ओर जाने वाली मुख्य पथ के पास स्थित लाली पहाड़ी पर्यटक स्थल के रूप में पहचान बना रही है. इसके ऊपर आज भी ऐतिहासिक धरोहर के रूप में राजा इंद्रदमनेश्वर के राजमहल का अवशेष दिखता है. इस पहाड़ी में गुफा का अवशेष भी मिला है.महत्वपूर्ण है लाली पहाड़ीपर्यटन की असीम संभावना को अपने अंदर समेटे यह पहाड़ी मुख्य सड़क से सटे किऊल नदी की ओर जाने वाली सड़क पर नदी तट तक फैली है. इस पहाड़ी के नीचे बने गुफा में 5 क्विंटल से भी अधिक वजन के काले पत्थर हैं जिसकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है. पहाड़ी पर माता दुर्गा का अर्द्धनिर्मित मंदिर है, जहां प्रत्येक वर्ष पहली जनवरी व मकर संक्रांति के मौके पर लोग पहुंचते हैं. पाल वंश के शासक राजा इंद्रदमनेश्वर एवं उनका परिवार इस गुफा के रास्ते अशोक धाम स्थित भोले बाबा की पूजा करने जाते थे. पहाड़ी के बीच स्थित मैदान में बना जोड़ा मंदिर भी लोगों को आकर्षित करता है.30 वर्षो से यहां है घनी आबादी पर्यटन की दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इस पहाड़ी पर वर्ष 1977 से ही आबादी बसनी शुरू हो गयी थी. लगभग 10 हजार महादलितों की आबादी पहाड़ी के आसपास रहती है. यहां मतदाताओं की संख्या लगभग 4 हजार के आसपास है, लेकिन नगर परिषद क्षेत्र के अंतर्गत आने के बावजूद यहां के निवासी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. पहाड़ी की तलहटी में वर्षो से निवास कर वाले इन लोगों ने बताया कि इन्हें नप के द्वारा किसी भी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं है.प्रयास किया जनप्रतिनिधियों व समाज सेवियों ने लाली पहाड़ी के पास पार्क बनाने को लेकर समय- समय पर समाजसेवियों व जनप्रतिनिधियों का प्रयास चलता रहा है. इसके लिए समाजसेवी संजय रजक के नेतृत्व में विकास समिति भी बनायी गयी, जिनके प्रयास से तत्कालीन जिलाधिकारी व पुरातत्व विभाग की टीम ने पहाड़ी का निरीक्षण भी किया. संजय रजक ने बताया कि पर्यटन की दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण इस स्थल को लेकर सबों ने केवल राजनीति की है. वार्ड पार्षद रेखा देवी ने बताया कि नप के सशक्त स्थायी समिति एवं बोर्ड की बैठक में पहाड़ी पर पार्क बनाने का मुद्दा बराबर उठाया जाता है, लेकिन अब तक इसे नजर अंदाज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि फिलहाल सीढ़ी द्वारा पहाड़ी पर चढ़ा जाता है.बोले अधिकारीवहीं इस संबंध में नप के कार्यपालक पदाधिकारी संतोष कुमार रजक ने बताया कि लाली पहाड़ी पर पार्क निर्माण के लिए नगर परिषद प्रयासरत है.ग्रीटींग्स के अलावे व्हाट्सएप व फेसबुक से देंगे नव वर्ष की शुभकामनाप्रतिनिधि, लखीसरायनये साल की स्वागत की तैयारी में लोग जुटे हैं. होटलों, क्लबों आदि में नववर्ष के जश्न की तैयारी हो रही हैं. इधर बाजारों में ग्रीटिंग्स की दुकानें सज गयी हैं. युवा एवं बच्चे नये लूक में ग्रीटिंग्स की खरीदारी भी कर रहे हैं. इन दुकानों में म्युजिकल ग्रीटिंग्स की मांग अधिक है. व्यवसायी अशोक ने बताया कि व्हाट्सएप व फेसबुक के जमाने में भी ग्रीटिंग्स का अपना क्रेज है. लोग म्यूजिकल ग्रीटिंग्स कार्ड की मांग अधिक करते हैं. युवाओं के मुताबिक ग्रीटिंग्स कार्ड देकर न्यू इयर की बधाई देने का अपना अलग ही मजा है. व्हाट्सएप व फेसबुक से मनाते हैं न्यू इयर तकनीक के इस युग में लोग न्यू इयर विश करने के लिए ग्र्रीटिंग्स कार्ड की जगह फेसबुक व व्हाट्सएप आदि सोशल साइट को प्राथमिकता दे रहे हैं. छात्र रौशन कुमार, शुभम, नीतिन,अमित आदि के मुताबिक न्यू इयर पर ग्रीटिंग्स कार्ड का चलन अब समाप्त होता जा रहा है.अब शुभकामना देने के लिए मोबाइल व इंटरनेट का प्रयोग अधिक होता है. फोन करने की बजाय लोग मोबाइल से हैप्पी न्यू इयर का मैसेज कर देते हैं. विपरीत परिस्थियों में भी संघर्ष कर उदय ने पायी सफलताफोटो संख्या:02-उदय को सफलता की बधाई देते चेंबर के अध्यक्ष रविशंकर सिंह अशोक , हाफीज जहांगीर अकरम व अन्य प्रतिनिधि, लखीसरायसूर्यगढ़ा प्रखंड के मौलानगर जामुनटोला निवासी स्व महेंद्र ठाकुर का पुत्र उदय कुमार ठाकुर ने आर्थिक विपन्नता के बीच बीएड एक वर्षीय कोर्स की फाइनल परीक्षा में 85.5 प्रतिशत अंक हासिल कर महाविद्यालय में द्वितीय टॉपर बना है. जब उदय पांच वर्ष का था तो उसके पिता की मौत हो गयी. मां मीरा देवी की बेहतर परवरिश में उदय ने बचपन से ही घर की जिम्मेदारियों को संभालते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी. बाद में भाई अमरजीत के साथ सूर्यगढ़ा बाजार में सैलून भी चलाना पड़ा, लेकिन इन परिस्थितियों में भी उदय ने अपनी पढ़ाई जारी रखी. 2002 में उसने पब्लिक हाई स्कूल सूर्यगढ़ा से मैट्रिक व 2004 में जनता महाविद्यालय सूर्यगढ़ा से इंटर की परीक्षा पास की. 2008 में कड़ी मशक्कत के बाद लखीसराय के आर लाल कॉलेज से स्नातक की. इसके बाद उसने बीएड की पढ़ाई का निर्णय लिया. गरीबी सामने आयी तो उदय की प्रतिभा को देखकर सूर्यगढ़ा चौंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष समाजसेवी रविशंकर सिंह अशोक, प्रो हाफिज जहांगीर अकरम ने उसकी मदद की. उदय ने महात्मा गांधी बीएड कॉलेज रजौना चौकी लखीसराय में एक वर्षीय बीएड कोर्स में दाखिला लिया. उदय के मुताबिक कॉलेज प्रशासन खासकर पूर्व विधायक फुलैना सिंह जी का भी उसे सहयोग मिला. बीएड में बेहतर परीक्षा परिणाम मिलने के बाद उदय अब कॉलेज में प्राध्यापक बनकर अर्थाभाव के कारण पढ़ाई से वंचित छात्रों की मदद करना चाहता है. उदय की सफलता पर रविशंकर सिंह अशोक व प्रो हाफिज जहांगीर अकरम ने उसे बधाई दी है. पढ़ाई के अलावे उदय क्रिकेट का एक बेहतर खिलाड़ी है.वह बेगूसराय में हेमन ट्राफी खेल कर भारतीय टाम के पूर्व खिलाड़ी सवा करीम एवं अब्दुल बारी सिद्दकी से पुरस्कार पा चुका है.

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