पुलिसिंग का असर, मांद में दुबके अपराधी

अन्यत्र शरण ले रहे अपराधी सिकंदरा : पिछले कुछ दिनों से सिकंदरा पुलिस के सख्त रवैये ने अब असर दिखाना शुरू कर दिया है. पुलिस की सख्ती के कारण क्षेत्र के सक्रिय अपराधी या तो सलाखों के अंदर पहुंच गये या फिर क्षेत्र छोड़ कर अन्यत्र शरण लेने के लिए मजबूर हो गये हैं. वहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 7, 2016 2:12 AM

अन्यत्र शरण ले रहे अपराधी

सिकंदरा : पिछले कुछ दिनों से सिकंदरा पुलिस के सख्त रवैये ने अब असर दिखाना शुरू कर दिया है. पुलिस की सख्ती के कारण क्षेत्र के सक्रिय अपराधी या तो सलाखों के अंदर पहुंच गये या फिर क्षेत्र छोड़ कर अन्यत्र शरण लेने के लिए मजबूर हो गये हैं. वहीं आमलोगों में भी पुलिस के प्रति भरोसा बढ़ता दिखायी दे रहा है.
विदित हो कि वर्ष 2015 की शुरूआत ही अपराधिक घटनाओं के साथ हुई थी. 19 दिसंबर 2014 को बेखौफ अपराधियों ने कुरहाडीह निवासी कैलाश महतो की दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी थी. इसके बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष राम अवतार पासवान को लाईन हाजिर कर दिया गया था.
लेकिन कैलाश महतो की हत्या के बाद थाना क्षेत्र का कुरहाडीह गांव प्रतिशोध की आग में जल उठा और हत्याओं का सिलसिला शुरू हो गया. इस दौरान प्रतिशोध की आग में जल रहे कुरहाडीह में लगभग आधा दर्जन हत्याएं हुई. वहीं पूरे वर्ष क्षेत्र में हत्या,अपहरण,सड़क,लूट व रंगदारी जैसे संगीन अपराधों का सिलसिला चलता रहा.
कैलाश महतो की हत्या के बाद 20 दिसंबर को राम अवतार पासवान के जगह संजय कुमार को सिकंदरा का थानाध्यक्ष बनाया गया. लेकिन उनका पदाधिकारियों व जवानों का मनोबल भी गिरता चला गया. अपराधी बेखौफ होकर घटनाओं को अंजाम देने लगे.
17 अक्टूबर की शाम मिर्जागंज से गांव वापस लौटने के क्रम में हार्डवेयर व्यवसायी मदन मिस्त्री की सर काट कर हत्या कर दी गयी. वहीं 18 अक्टूबर को सिकंदरा के पुरानी दुर्गा मंदिर के समीप डेकोरेशन संचालक संजीव नायक की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी. दो दिनों में हुई दो हत्याओं के बाद लोगों में पुलिस प्रशासन के खिलाफ आक्रोश फूट पड़ा.
जिसका खामियाजा तत्कालीन थानाध्यक्ष संजय कुमार को लाईन हाजिर होकर भुगतना पड़ा. संजय कुमार के बाद 2009 बैच के अवर निरीक्षक विवेक भारती पर विश्वास जताते हुए एसपी जयंतकांत ने सिकंदरा थाना की जिम्मेवारी दी और विवेक भारती ने दो महीने की अल्प अवधि में ही गिरफ्तारी की झड़ी लगा दी.
इस दौरान विवेक भारती ने कुरहाडीह में सक्रिय अवधेश महतो व चंदन मिस्त्री गिरोह के अधिकांश अपराधियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. वहीं संजीव नायक हत्याकांड के सरगना कुख्यात अपराधी रतन चौधरी समेत हत्या में शामिल दो अन्य अपराधियों को गिरफ्तार कर उल्लेखनीय सफलता हासिल की. इसके अलावे करीब आधा दर्जन अन्य अपराधियों की भी हथियार के साथ गिरफ्तारी कर विवेक भारती ने आमलोगों में मन में पुलिस के प्रति भरोसा बढ़ाने में सफल हुए.
रतन चौधरी की गिरफ्तारी के बाद उसके आतंक से त्रस्त सैकड़ों व्यवसायियों ने थाना पहुंच कर पुलिस प्रशासन के पक्ष में जम कर नारेबाजी कर विवेक भारती के सख्त पुलिसिंग के प्रति अपने समर्थन का खुल कर इजहार किया.

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