धरातल पर विकास दीखने का है इंतजार

धरातल पर विकास दीखने का है इंतजार चरकापत्थर क्षेत्र को अभी भी है विकास की जरूरतफोटो 3(चरकापत्थर जाने वाली टूटी सड़क) 3ए (सामाजिक चेतना शिविर में उम्मीद लेकर आयी वृद्ध महिला)प्रतिनिधि, सोनोपिछले दो दशक से उग्रवाद की पीड़ा को झेल रहे चरकापत्थर क्षेत्र को विकास का मलहम चाहिए़ प्रखंड मुख्यालय से दूर पश्चिमी छोर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 10, 2016 6:43 PM

धरातल पर विकास दीखने का है इंतजार चरकापत्थर क्षेत्र को अभी भी है विकास की जरूरतफोटो 3(चरकापत्थर जाने वाली टूटी सड़क) 3ए (सामाजिक चेतना शिविर में उम्मीद लेकर आयी वृद्ध महिला)प्रतिनिधि, सोनोपिछले दो दशक से उग्रवाद की पीड़ा को झेल रहे चरकापत्थर क्षेत्र को विकास का मलहम चाहिए़ प्रखंड मुख्यालय से दूर पश्चिमी छोर के जंगली व पहाड़ी इलाकों में बसे दर्जनों छोटे-छोटे गांव तक विकास व शिक्षा की रौशनी नही पहुंचना प्रशासन की सबसे बड़ी विफलता थी़ परंतु उग्रवाद से ग्रस्त इस इलाके में शांति व खुशहाली लाने का हालिया प्रशासनिक पहल लोगो में एक नई उम्मीद जगायी है़ परंतु अभी इस ओर बहुत से कार्य करने बाकी है़ विकास कार्यों का धरातल पर आने का अब भी क्षेत्रवासियों को इंतजार है़ यहां सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए बिचौलियों के जाल को काटना प्रशासनिक पदाधिकारियों के लिए आसान नही होगा़ योजनाओ की राशि में मची लूट गुणवत्ता को औंधे मुंह गिरा देती है़ सोनो से चरकापत्थर जाने वाली टूटी सड़कें जहां विकास के प्रशासनिक दावे की पोल खोलती है. वहीं दर्जनों ऐसे गांव है जहां स्कूल तो है परंतु शिक्षक नही आते है़ आंगनबाड़ी केंद्र की अनियमितता किसी से छुपी नही है़ बिजली, पेयजल,शौचालय,स्वास्थ्य जैसे मूलभूत समस्याओं से आज भी दूरस्थ गांव के लोग जूझ रहे है़ विकट भौगोलिक स्थिति, शिक्षा का अभाव, विकास योजनाओं के राशि की लूट व मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रहे. इस क्षेत्र के लोगो की समस्या को सुरक्षाकर्मियों ने नजदीक से देखा व उनकी पीड़ा को महसूस किया़ वरीय प्रशासनिक पदाधिकारियों ने भी यहां विकास की गंगा बहाने के कई प्रयास किये परंतु जमीन पर आते आते इन योजनाओं की राशि में ऐसी सेंधमारी होती है कि स्थिति में बहुत सुधार नही हो पाता है़ बिचौलियों की गिरफ्त में फंसे इन ग्रामीणो के लिए किये जाने वाले सरकारी विकास के कार्य की अधिकतर राशि अवैध कमीशन की भेंट चढ़ जाता है़ क्षेत्र में स्थित सीआरपीएफ व एसएसबी के अधिकारी व जवानों ने स्थिति को समझा़ वे सुरक्षा के साथ साथ सामाजिक दायित्व का निर्वहन भी करने लगे़ नक्सलवाद से जूझ रहे लोगो के दुख में भाग लेकर व उनके समस्याओं का निराकरण कर उनमे अपना विश्वास बढ़ाया़ निसंदेह प्रशासन ने भी उनके कायार्े को समर्थन दिया़ जताजोर व बरखुटिया में हैण्डपंप लगाना हो या फिर तेतरिया व असरखो जैसे गांव के लोगो के बीच जाकर उनकी समस्या दूर करने का प्रयास हो सुरक्षाकर्मी हर मोर्चे पर लोगो की मदद करने में लगे है़ क्षेत्र में इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ा है़ कुछ वर्षों से प्रशासन द्वारा यहां आयोजित जन सेवा शिविर लोगो पर सकारात्मक प्रभाव डालने में सफल हुआ़ गत सात व आठ जनवरी को जिला प्रशासन के साथ एसएसबी व सीआरपीएफ द्वारा आयोजित सामाजिक चेतना व कौशल विकास जैसे सफल कार्यक्रम लोगो को एक नई उम्मीद दे गयी है़ इस कार्यक्रम में 80 वर्ष की वृद्घ महिला की उपस्थिति यह दर्शाती है. कि वे उम्मीद लगाये बैठी है़ प्रशासन को अनियमितता व बिचौलियों पर अंकुश लगाने की जरूरत है तभी इस इलाके को विकसित व खुशहाल करने का उनका सपना पूरा हो सकेगा़

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