सीएससी बनने के बाद भी सुविधाओं का टोटा

सूर्यगढ़ा : सूर्यगढ़ा सीएसपी में सुविधाओं का टोंटा होने से मरीजों को परेशानी झेलनी होती है. यहां इलाज कराने आये मरीजों को बेड भी उपलब्ध नहीं हो पाता. खासकर बंध्याकरण कराने आयी महिला मरीजों को फर्श पर चादर बिछा कर सोने को मजबूर होना पड़ता है. इन रोगी को बेड नसीब नहीं होती है. इससे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2016 4:06 AM

सूर्यगढ़ा : सूर्यगढ़ा सीएसपी में सुविधाओं का टोंटा होने से मरीजों को परेशानी झेलनी होती है. यहां इलाज कराने आये मरीजों को बेड भी उपलब्ध नहीं हो पाता. खासकर बंध्याकरण कराने आयी महिला मरीजों को फर्श पर चादर बिछा कर सोने को मजबूर होना पड़ता है. इन रोगी को बेड नसीब नहीं होती है. इससे खासकर ठंड के मौसम में काफी परेशानी होती है. पीएचसी में पूर्व से उपलब्ध छह बेड भी स्वास्थ्य कर्मी आवास की शोभा बढ़ा रहा है.

मालूम हो कि विगत तीन माह पूर्व पीएचसी को परिवर्तित कर राज्य स्वास्थ्य नियमावली के तहत प्रत्येक एक लाख की आबादी पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने के प्रावधान के तहत सीएससी खोला गया. लेकिन आज तक सीएससी के किसी मानक को पूरा नहीं किया जा सका है. सीएससी की सुविधा के अनुसार 30 बड़े बेड, चार ए ग्रेड नर्स, सात मेडिकल अॉफिसर, एक ड्रेसर, एक फॉर्मासिस्ट व महिला वार्ड अटेंडेंट होना अनिवार्य है. वहीं वर्तमान में शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सक व महिला चिकित्सक नहीं रहने के कारण सीएसी में भगवान भरोसे जच्चा-बच्चा रहते हैं. जच्चा-बच्चा को किसी प्रकार की परेशानी होने पर पीड़ित परिवार को निजी क्लिनिक का सहारा लेना पड़ता है.

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