सरस्वती पूजा की तैयारी अंतिम चरण में

जगह-जगह हो रहा पंडाल का निर्माण मां सरस्वती की प्रतिमा को पंडाल तक ले जाने का काम शुरू कोलकता से भी मंगायी गयी है प्रतिमा लखीसराय : जिले भर में शनिवार को विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की पूजा होगी. इसको लेकर सरकारी व गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों के अलावे विभिन्न चौक चौराहे पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2016 5:24 AM

जगह-जगह हो रहा पंडाल का निर्माण

मां सरस्वती की प्रतिमा को पंडाल तक ले जाने का काम शुरू
कोलकता से भी मंगायी गयी है प्रतिमा
लखीसराय : जिले भर में शनिवार को विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की पूजा होगी. इसको लेकर सरकारी व गैर सरकारी शिक्षण संस्थानों के अलावे विभिन्न चौक चौराहे पर पंडाल का निर्माण कर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी चरम में है. इधर जिले भर में लगभग दो दर्जन जगहों पर मां सरस्वती की प्रतिमा निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. मूर्तिकार मां की प्रतिमा का रंग-रोगन कर उसे फाइनल टच देने में जुटे हैं.
जगह-जगह हो रहा पंडाल निर्माण: जिले के कई जगहों पर सरस्वती पूजा एक महोत्सव के रूप में मनाया जाता है. मौके पर एक सप्ताह तक उत्सवी माहौल बना रहता है. वसंत पंचमी पर होने वाले विद्या की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती की पूजा की तैयारी अपने अंतिम चरण में है. गांव की गलियों से लेकर शहर के चौक -चौराहे पर प्रतिमा स्थापित करने को लेकर भव्य पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. सरस्वती पूजा को लेकर खास कर युवा उत्साह से लवरेज दिख रहे हैं.
प्रतिमा को पंडाल तक ले जाने का कार्य शुरू: विभिन्न पूजा समितियों एवं शिक्षण संस्थानों ने मां की भव्य एवं आकर्षक प्रतिमा को पूजा पंडाल तक लाना शुरू कर दिया है. पूजा समिति के सदस्य ठेला या अन्य वाहन से प्रतिमा को पंडाल तक लाते देखे जा रहे हैं. सभी ओर सरस्वती पूजा महोत्सव को लेकर माहौल में भक्ति का रंग चढ़ने लगा है.
पांच लाख के सजावटी समानों का कारोबार: सरस्वती पूजा के मौके पर पूजा स्थलों में पंडाल निर्माण के अलावे प्रतिमा व पंडाल को आकर्षक ढंग से सजाने का चलन है. इसके लिए एक पखवारा पूर्व से सजावटी सामान के दुकानों में भीड़ लगने लगती है. सरस्वती पूजा नजदीक आने के साथ इन दुकानों का कारोबार काफी बढ़ जाता है. पूजा के दौरान लगभग पांच लाख रुपये के सजावटी सामान का कारोबार होने का अनुमान है.
पांच लाख के फल का कारोबार: सरस्वती पूजा में प्रसाद के रूप में फल दिये जाने का चलन है. जिले भर में तकरीबन पांच सौ स्थलों पर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर विधि पूर्वक पूजा की जाती है. पूजा अवधि के दौरान लगभग पांच लाख के फल का कारोबार होने का अनुमान है. इसके लिए फल कारोबारी द्वारा माल का स्टॉक भी किया गया है.
पांच लाख की मिठाई का कारोबार: पूजा के मौके पर प्रसाद स्वरूप बुंदिया, सेव व अन्य मिठाई भी देने का चलन बढ़ा है. इसके लिए मिष्टान भंडारों में तैयारी की गयी है. मिष्टान कारोबारी शंकर के मुताबिक मौके पर पांच लाख से अधिक का मिठाई कारोबार होगा.
कोलकता से मंगायी जा रही प्रतिमा: सरस्वती प्रतिमा स्थापना को लेकर कई पूजा समिति के द्वारा कोलकता से मां की भव्य एवं आकर्षक प्रतिमा मंगायी गयी है. इन पूजा पंडालों में सरस्वती पूजा भव्य तरीके से मनाने की तैयारी की जा रही है.
सूर्यगढ़ा प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र में सरस्वती पूजा की तैयारी अंतिम चरण में है. प्रखंड के विभिन्न सरकारी विद्यालयों, गैर सरकारी विद्यालय व गांव के छात्र संगठन के द्वारा पूजा की तैयारी जोरों पर है. पंडालों का निर्माण किया जा रहा है.

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