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जैविक खेती प्रोत्साहन योजना के तहत मात्र एक तिहाई लक्ष्य की हुई है प्राप्ति
लखीसराय : कृषि विभाग द्वारा लाख प्रयास के बावजूद भी जैविक खाद्य निर्माण उद्योग जिले में तीव्र गति से किसानों के बीच अपनी पेठ नहीं बना पा रहा है. कृषि विभाग ने वर्ष 2015-16 में जैविक खेती प्रोत्साहन योजना अंतर्गत इस जिले में 400 इकाई पक्का वर्मी कम्पोस्ट इकाई के लिये किसानों को कुल 12 […]
लखीसराय : कृषि विभाग द्वारा लाख प्रयास के बावजूद भी जैविक खाद्य निर्माण उद्योग जिले में तीव्र गति से किसानों के बीच अपनी पेठ नहीं बना पा रहा है. कृषि विभाग ने वर्ष 2015-16 में जैविक खेती प्रोत्साहन योजना अंतर्गत इस जिले में 400 इकाई पक्का वर्मी कम्पोस्ट इकाई के लिये किसानों को कुल 12 लाख रुपये अनुदान देकर लाभान्वित किया है. जबकि जिले का लक्ष्य 1400 इकाई का है. शेष एक हजार इकाई संबंधित आवेदनों पर अनुदान के तहत भुगतान की प्रक्रिया में चल रही है.
28 से 30 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार होता है
इस तरह मात्र छह से सात हजार रुपया की लागत से प्रति वर्ष लगभग 28 से 30 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार होता है. साथ ही 8 से 10 लीटर जैव कीट का वर्मी वास तैयार होता है. इस तरह तैयार वर्मी कम्पोसट तीन एकड़ फाल के लिये प्राप्त हो जाता है.वर्मी कम्पोस्ट द्वारा तैयार अनाज की गुणवत्ता एवं उत्पादन बढ़ाता है. इस खाद को खेत में डालने से अनाज की गुणवत्ता एवं चमक बनी रहती है. साथ ही फसल का उत्पादन में वृद्धि होती है. भूमि की जल धारण क्षमता बढ़ जाती है.
कहते हैं डीएओ
जिला कृषि पदाधिकारी ओम प्रकाश ने बताया कि मार्च तक वर्मी कम्पोस्ट का लक्ष्य प्राप्त कर लिया जायेगा. किसान इस धंधा को ईमानदारी पूर्वक करें तो अवश्य ही अनाज की गुणवत्ता के साथ खेत का उत्पादन क्षमता अधिक हो जायेगी एवं खेत का बचाव भी होगा. उन्होंने कहा कि जो किसान वर्मी कम्पोस्ट के लिए आवेदन दिये हैं उनके आवेदन को जांचोपरांत अनुदान की राशि उपलब्ध करा दी जायेगी.
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