मौसम में बदलाव से आशंकित हैं किसान

लखीसराय : एक सप्ताह से मौसम में आ रहे बदलाव का आम सहित रबी फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. लखीसराय, बड़हिया, पिपरीया, सूर्यगढ़ा सहित अन्य प्रखंडों के किसानों ने रबी एवं दलहन फसल की खेती की है. अब इन फसलों में फूल एवं फल लगने का समय आया, तो मौसम प्रतिकूल हो गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 11, 2016 5:35 AM

लखीसराय : एक सप्ताह से मौसम में आ रहे बदलाव का आम सहित रबी फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. लखीसराय, बड़हिया, पिपरीया, सूर्यगढ़ा सहित अन्य प्रखंडों के किसानों ने रबी एवं दलहन फसल की खेती की है. अब इन फसलों में फूल एवं फल लगने का समय आया, तो मौसम प्रतिकूल हो गया है. मौसम के बदलते मिजाज से खेतों में लगी गेहूं ,मटर, चना की फसल के साथ आम का उत्पादन काफी प्रभावित हो सकता है.

बोले किसान
प्रगतिशील किसान शिव पार्वती नंदन सिंह, प्रह्लाद सिंह, शिव रंजन सिंह, मुरारी सिंह, शंकर सिंह आदि ने बताया कि सूखे की मार झेल रहे किसानों को उम्मीद थी कि रबी एवं दलहनी फसलों से धान की फसल की बर्बादी की भरपाई हो जायेगी. हालांकि किसानों का कहना है कि अभी बारिश हो गयी, तो गेहूं फसल के लिए कुछ फायदा हो सकता है, लेकिन तेज आंधी-पानी से बरबादी भी होगी. किसानों ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या लाही के प्रकोप का है, यह फूल वाली फसलों के लिए खतरनाक हो सकता है.
बोले कृषि वैज्ञानिक
कृषि वैज्ञानिक डाॅ बीके सिंह ने बताया कि आम के बेहतर उत्पादन के लिए जिन पेड़ों में मंजर निकला है व फूल नहीं पकड़ा है. उस पर मैकोजेब नामक लिक्विड दवा चार किलो पानी में चार ग्राम मिला कर छिड़काव करें. इसके साथ ही एक कीटनाशक दवा इकमडाक्लोप्रिड 17.8 एमएल नामक दवा दस लीटर पानी में तीन से पांच मिलीलीटर मिला कर छिड़काव करना जिस पेड़ में फूल नहीं आया है उसके लिए फायदेमंद हैं.
बोले डीएओ
जिला कृषि पदाधिकारी ओम प्रकाश ने बताया कि इस बार अगर प्राकृतिक आपदा नहीं होगी, तो फसल अच्छी होगी. इससे धान की फसल में हुए नुकसान की भरपाई हो जायेगी. उन्होंने कहा कि कुछ जिलों में बेमौसम बारिश हुई है. इसको देखते हुए कुछ कहा नहीं जा सकता है. अगर हल्की बारिश होती है, तो गेहूं की फसल को छोड़ सभी फसलों को नुकसान ही होगा.

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