तेज हवा, बारिश व ओला ने क्षेत्र के किसानों की कमर तोड़ी
खेत में बैठकर रो रहे किसान प्याज की खेती पूर्ण रूपेण क्षतिग्रस्त चना मसूर गेंहू, सरसों व मक्का की फसल को काफी नुकसान साहुकारों व बैंकों को कहां से होगा ऋण चुकता लखीसराय : तेज हवा, बारिश व कई क्षेत्रों में ओले पड़े. जिससे खेत में लगी प्याज व रबी की फसलों की भारी मात्रा […]
खेत में बैठकर रो रहे किसान
प्याज की खेती पूर्ण रूपेण क्षतिग्रस्त
चना मसूर गेंहू, सरसों व मक्का की फसल को काफी नुकसान
साहुकारों व बैंकों को कहां से होगा ऋण चुकता
लखीसराय : तेज हवा, बारिश व कई क्षेत्रों में ओले पड़े. जिससे खेत में लगी प्याज व रबी की फसलों की भारी मात्रा में नुकसान हुई है. प्राकृतिक आपदा ने किसानों की कमर तोड़ दी. सोमवार को देर शाम मौसम का मिजाज बदलते ही जिले में जम कर बारिश, तेज हवा ओर ओले पड़े. हालांकि ओले टाल क्षेत्र, दियारा क्षेत्र के कई भागों में पड़े.
जिससे लगे रबी फसल चना, मसूर, केराव, राय, गेहूं के अलावे प्याज की फसल को भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया है. जिसके परिणाम स्वरूप प्याज व रबी उत्पादक किसानों को करोड़ों रुपये की क्षति का अनुमान है. मंगलवार को जब किसान अपने अपने खेत देखने पहुंचे तो खेत देखते ही खेत में बैठ कर रोने लगे और अपने भाग्य को कोस रहे हैं कि उनके परिवार का भरण पोषण कैसे होगा.
साहुकार व बैंक ऋण कैसे चुकाया जायेगा. सारी पूंजी खेत में ही रह गयी. बताते चलें कि बड़हिया टाल क्षेत्र व दियारा क्षेत्र में काफी मेहनत से किसानों ने रबी फसल व प्याज की खेती की थी. परंतु जब कटनी होने के कगार पर फसल तैयार हो गया तो प्राकृतिक आपदा के एक झोंका ओला बारिश तेज हवा ने किसान के सारे सपने को चकनाचूर कर दिया. किसान शिव पार्वती नंदन सिंह, निरंजन कुमार, संजीव कुमार, राम नारायण कुमार ने बताया कि प्राकृतिक आपदा के परिणाम स्वरूप किसानों की लूटिया डूबा दी. वैसे ही लागत पूंजी से कम पैदावार होने का अंदाज था.
ऊपर से ओले, हवा व बारिश ने सब सपना चकनाचूर कर दिया. अब आंसू के सिवाय कुछ नहीं बचा है. बिहार सरकार प्राकृतिक आपदा के तहत फसल सुरक्षा मुहैया कराये जिससे किसानों को थोड़ी हिम्मत बढ़ा सके. जिला कृषि पदाधिकारी ओम प्रकाश ने बताया कि पिपरीया, बड़हिया कृषि पदाधिकारी से फसल क्षति का प्रतिवेदन रिपोट मांगी गयी है.