प्रशासन ने कसी कमर. एक अप्रैल से देसी शराब की िबक्री पर लगेगा विराम
कड़ाई से होगा शराबबंदी का पालन प्रायोगिक रूप से नशामुक्त होगा समाज शराबबंदी सबके लिए हितकारी कजरा : शराबबंदी को लेकर प्रशासन चौकस है. सर्वत्र रोक को लेकर प्रशासन व पुलिस चुस्त है. अधिकांश लोग सरकार के इस पहल को बेहतर मानने लगे हैं. इस संबंध में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के लेखापाल शंकर […]
कड़ाई से होगा शराबबंदी का पालन
प्रायोगिक रूप से नशामुक्त होगा समाज
शराबबंदी सबके लिए हितकारी
कजरा : शराबबंदी को लेकर प्रशासन चौकस है. सर्वत्र रोक को लेकर प्रशासन व पुलिस चुस्त है. अधिकांश लोग सरकार के इस पहल को बेहतर मानने लगे हैं. इस संबंध में कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के लेखापाल शंकर सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बताया कि सरकार के इस पहल में बुद्धिजीवियों को भी आगे आने की जरूरत है, ताकि प्रायोगिक रूप से समाज नशामुक्त हो सके. वहीं कस्तूरबा विद्यालय में अध्ययनरत आदिवासी गांव वरियासन की छात्रा आरती ने कहा कि शराबबंदी की पहल सरकार के द्वारा देर से ही सही परंतु अच्छी शुरुआत है. वहीं शीतला निवासी
पूजा व फूल कुमारी ने संयुक्त रूप से बताया कि शराब पीकर उनके गांव में लोग अक्सर लड़ाई कर लेते थे. शराबबंदी से जहां आपस का झगड़ा मिटेगा. वहीं भाईचारा पनपेगी.
जबकि कानीमोह निवासी छात्रा अनिता कुमारी ने बताया कि शराब पर रोक लगा कर सरकार आदिवासियों से आय का स्रोत छीन लिया है. शराब बंदी तो ठीक है, परंतु आदिवासियों के बीच रोजगार के लिये योजना चलाने की आवश्यकता है. भुखमरी की स्थिति पैदा नहीं हो. वहीं पीरीबाजार की सुशीला देवी ने कहा कि शराब बंदी स्वागत योग्य पहल है. परंतु पहाड़ों में भी आदिवासियों के लिये लघु व कुटीर उद्योग लगाने की आवश्यकता है. जिसके लिये सरकार को पहल करनी चाहिए.