बटिया घाटी के अधिकांश लूट में नही होती है प्राथमिकी
बटिया घाटी के अधिकांश लूट में नही होती है प्राथमिकी सोनो-बटिया घाटी में अब तक जितनी लूट की घटनाएं हुई है उसमे अधिकांश घटना की प्राथमिकी दर्ज नही हो पाती है़ दरअसल रात्रि में लूट के शिकार लोग मानसिक रूप से इतने परेशान हो चुके होते है कि वे घटना के बाद थाना आने के […]
बटिया घाटी के अधिकांश लूट में नही होती है प्राथमिकी सोनो-बटिया घाटी में अब तक जितनी लूट की घटनाएं हुई है उसमे अधिकांश घटना की प्राथमिकी दर्ज नही हो पाती है़ दरअसल रात्रि में लूट के शिकार लोग मानसिक रूप से इतने परेशान हो चुके होते है कि वे घटना के बाद थाना आने के बजाय अतिशीघ्र अपने गन्तव्य पर जाना चाहते है़ उन्हें यह गलतफहमी रहती है कि थाना जाने से वे और ज्यादा परेशान हो जायेंगे़ घाटी में ज्यादतर ट्रक चालक लूट के शिकार होते है जो घटना के बाद थाना शायद ही आते है़ दरअसल बटिया घाटी का पूरा इलाका दो थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है़ कभी कभी यात्री थाना पहुंचते भी है तो उन्हें यह पता नही होता कि लूट की घटना सोनो थाना क्षेत्र में हुई है या चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र में़ इस कारण भी कभी कभी पीडि़त को दोनों थाना का चक्कर लगाना पड़ जाता है लिहाजा वे इन झमेलों से दूर रह कर लूट की घटना को अपनी नियति समझ कर मन को तसल्ली देते है जबकि लूटेरों को इसका सीधा फायदा मिलता है़