गजट प्रकाशन के बाद अधिगृहीत भूमि बेचने की चर्चा
सूर्यगढ़ा: कजरा पावर प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार द्वारा सूर्यगढ़ा प्रखंड के बरियारपुर, घोघी, महारतपुर एवं बिशनपुर मौजे की 1262 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इसके लिए गजट प्रकाशन के बाद के कुल 1050 किसानों को 18 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से लगभग 112 करोड़ रुपये मुआवजा भी दिया जा चुका […]
सूर्यगढ़ा: कजरा पावर प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार द्वारा सूर्यगढ़ा प्रखंड के बरियारपुर, घोघी, महारतपुर एवं बिशनपुर मौजे की 1262 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इसके लिए गजट प्रकाशन के बाद के कुल 1050 किसानों को 18 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से लगभग 112 करोड़ रुपये मुआवजा भी दिया जा चुका है. गजट प्रकाशन के उपरांत अधिग्रहीत भूमि को किसानों द्वारा बिक्री किये जाने को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है. सूत्रों के मुताबिक, गजट प्रकाशन के बाद दर्जन भर से अधिक किसानों ने अपनी जमीन की खरीद बिक्री की. जमीन खरीदने वालों में कुछ जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय लोग शामिल हैं. व्यावहारिक तौर पर भू अधिग्रहण के लिए गजट प्रकाशन के पश्चात जमीन की खरीद बिक्री रोक दी जाती है.
इधर जमीन की खरीद बिक्री करने वाले किसानों का कहना है कि गजट प्रकाशन के उपरांत जमीन की खरीद पर रोक का कोई कानून नहीं है. उन्होंने आर्थिक विपन्नता के कारण अपनी जमीन की बिक्री की है. वहीं बरियारपुर निवासी गोपाल मंडल, सुबोध मंडल, तोता मंडल, जानो मंडल, जनता मंडल, अजरुन मंडल, परमेश्वर मंडल ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी जमीन दलालों द्वारा झांसा देकर लिखवा ली गयी है. इस कारण हमलोगों को काफी परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि कंपनी के अधिकारी ने हेराफेरी कर हमलोगों से जमीन लिखवा ली है. उन्होंने कहा कि अपनी जमीन के हक के लिए गुरुवार को जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करने का फैसला लिया गया है. ताकि हम गरीब किसानों को जमीन का उचित मुआवजा मिल सके.