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लापरवाही. जिले के सरकारी व निजी अस्पताल में आग से बचाव की मुकम्मल व्यवस्था नहीं

अस्पतालों में हर 20 फीट के अंतराल में फायर इंस्टीग्यूशर लगाने का नियम है. वहीं 52 फीट की ऊंचाई तक पोर्टेबुल अग्निशामक रखने व इससे अधिक ऊंची इमारत रहने पर ऑटोमेटिक अग्निशामक सिस्टम लगाने का प्रावधान है. इसके बावजूद जिले के अस्पतालों में इसकी व्यवस्था नहीं की गयी है. लखीसराय : जिले के सदर अस्पताल […]

अस्पतालों में हर 20 फीट के अंतराल में फायर इंस्टीग्यूशर लगाने का नियम है. वहीं 52 फीट की ऊंचाई तक पोर्टेबुल अग्निशामक रखने व इससे अधिक ऊंची इमारत रहने पर ऑटोमेटिक अग्निशामक सिस्टम लगाने का प्रावधान है. इसके बावजूद जिले के अस्पतालों में इसकी व्यवस्था नहीं की गयी है.

लखीसराय : जिले के सदर अस्पताल सहित किसी निजी क्लिनिक व पेथोलॉजी में आग से बचाव का कोई ठोस बंदोबस्त नहीं है. अग्निशमन विभाग की मानें तो लगभग दो साल हो गये किसी प्राइवेट या सरकारी अस्पतालों द्वारा न ही फायर इंस्टीग्यूशर की रिफीलिंग करायी गयी व न ही किसी ने कोई जांच या सत्यापन कराया.
सोमवार को जब प्रभात खबर ने सदर अस्पताल में आग से बचाव के बंदोबस्त की जानकारी ली तो स्थिति किसी भी स्थिति में मानक के अनुरूप नहीं नजर आया. अस्पताल में मात्र तीन फायर इंस्टीग्यूशर लगा था. इनमें से एक प्रसव कक्ष के बाहर, दूसरा इंमरजेंसी वार्ड व तीसरा ऑटी में लगा था.
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ मुकेश कुमार के मुताबिक दो अन्य इंस्टीग्यूशर रखा हुआ है. जानकारों की मानें तो फायर इंस्टीग्यूशर को प्रत्येक वर्ष जांच व रिफिलिंग क राने का प्रावधान है. वहीं अस्पताल कर्मियों को फायर इंस्टीग्यूशर चलाने का प्रशिक्षण भी दी जानी चाहिये. बावजूद किसी सरकारी व निजी अस्पतालों में इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा.
कहते हैं अस्पताल प्रबंधक
सदर अस्पताल लखीसराय के प्रबंधक नंदकिशोर भारती ने बताया कि सदर अस्पताल में दो वर्ष पूर्व सात फायर इंस्टीग्यूशर लगाया गया था. तब से इसकी रिफिलिंग नहीं हुई है. समय-समय पर इसके प्रेशर की जांच कर ली जाती है. बीते 15 मार्च को प्रेशर की जांच करने पर इंस्टीग्यूशर में प्रेशर बना हुआ था. नयी मशीन होने पर तीन साल तक इंस्टीग्यूशर में प्रेशर होता है. दो-तीन माह बाद इंस्टीग्यूशर की रिफिलिंग करा ली जायेगी.
बोले अस्पताल उपाधीक्षक
सदर अस्पताल लखीसराय के उपाधीक्षक डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि पांच इंस्टीग्यूशर में से तीन लगा हुआ है . अस्पताल में एक दर्जन फायर इंस्टीग्यूशर की आवश्यकता है जिसके लिए विभाग को लिखा गया है. सात माह पूर्व इंस्टीग्यूशर की रिफिलिंग की गयी थी.
बोले प्रभारी अग्नि शमन पदाधिकारी
प्रभारी अग्निशमन पदाधिकारी देवकी पासवान ने बताया कि अब तक सरकारी या निजी अस्पतालों में से किसी ने भी न ही फायर इंस्टीग्यूशर की रिफीलिंग करायी गयी व न ही किसी ने कोई जांच या सत्यापन कराया. अस्पताल प्रबंधन से कई बार फायर इंस्टीग्यूशर की रिफीलिंग के लिये कहा गया लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया.

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