डायरिया पसार रहा पांव

गरमी का कहर. अस्पतालों में लू, उल्टी-दस्त के मरीज बढ़े लगातार बढ़ती गरमी ने लोगों बीमार करना शुरू कर दिया है. जिले के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में लू, डयरिया के मरीजों का प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है. लखीसराय : सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पिछले एक पखवारे से गरमी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2016 5:04 AM

गरमी का कहर. अस्पतालों में लू, उल्टी-दस्त के मरीज बढ़े

लगातार बढ़ती गरमी ने लोगों बीमार करना शुरू कर दिया है. जिले के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में लू, डयरिया के मरीजों का प्रतिदिन इजाफा होता जा रहा है.
लखीसराय : सदर अस्पताल, रेफरल
अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पिछले एक पखवारे से गरमी जनित बीमारियां से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. अस्पतालों में पिछले 15 दिनों में लगभग तीन सौ मरीज भरती हुए जो उल्टी, दस्त या लू से पीड़ित थे. सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के ओपीडी में कार्यरत डाक्टरों ने बताया कि प्रतिदिन दो सौ से ढाई सौ मरीज आ रहे हैं. इनमें 25 से 30 मरीज गरमी जनित बीमारी के रोगी आ रहे हैं.
अस्पतालों का बुरा हाल. गरमी का कहर प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. भीषण गरमी के कारण सुबह आठ बजे से ही सड़कों पर कर्फ्यू सा नजारा देखने को मिलता है. सड़क पर वीरानी छाई रहती है. इस भीषण गरमी में सरकारी अस्पतालों का हाल बुरा है. स्थिति यह हैं कि सदर अस्पताल रेफरल अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ओआरएस घोल तक नहीं है जबकि स्वास्थ्य उप केंद्र का तो कहना ही नहीं है. स्लाइन है तो पानी चढ़ाने के लिये स्लाइन सेट नहीं,सूई तो हैं लेकिन पानी नहीं. दस्त और उल्टी की भी दवाएं नहीं. मरीज के परिजनों को बाहर से यह सब खरीदनी पड़ती है.
खूब लें तरल पदार्थ ना होने दें शरीर में पानी की कमी. रेफरल अस्पताल बड़हिया के शिशु चिकित्सक एके ठाकुर व फिजिशयन चिकित्सक मारूति नंदन ने बताया कि गरमी आते ही डायरिया से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ जाती है. खासकर बच्चे डायरिया की चपेट में अधिक आते हैं. उन्होंने बताया कि गरमी में तरल पदार्थ भरपूर मात्रा में लेनी चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी नहीं हो. कहा कि साफ-सफाई पर अधिक ध्यान दें, प्रदूषित जल का कभी भी प्रयोग नहीं करें.
ऐसे करें बचाव. गरिष्ठ भोजन खाने से बचें. कच्चे या बिना पके भोजन जैसे खुले में बिकने वाले पेय पदार्थ से परहेज करें. खाने से पहले फल, सब्जियों को अच्छी तरह धो लें क्योंकि इनमें लार्वा, कीड़े व धूल-मिट्टी होते हैं. भूख से थोड़ा कम खाएं. गरमी में पाचन शक्ति कुछ कम हो जाती है. इमली, टमाटर, नीबू, छाछ का सेवन करें. अदरख, लहसुन, सौंठ, काली मिर्च, हल्दी, हींग, जीरा जैसे खाद्य पदार्थ पाचन संस्थान को मजबूत करते हैं. भिंडी, लौकी, बैगन, करेला के अलावा तारबूज, संतरा, कमला नीबू भी डायरिया से बचाव करते हैं. पुदीना की पत्तियां का सेवन करें. दूध और पनीर जैसे डेयरी उत्पाद का इस्तेमाल कम करें. दही फायदेमंद है.
तपिश के साथ ऊमस. जानकारों के अनुसार अभी देर रात पूर्वा व पछुआ हवा एक साथ चल रही है. ऐसे में ऊमस बढ़ गयी है और लोगों को गरमी परेशान कर रही है. बाहर निकलते ही शरीर से पसीना बहने लगता है.
स्कूली बच्चे बेहाल. सुबह के छह से सात बजे तक बस स्टैंड पर खड़े बच्चों की गरमी से परेशानी प्रारंभ हो गया है. इससे ज्यादा परेशानी जब विद्यालय से बच्चे बस या पैदल छुट्टी के बाद घर लौटते हैं तो उस वक्त पारा 42 डिग्री के आसपास होता है. तेज पछुआ हवा व कभी कभी पूर्वा हवा बच्चों को काफी परेशानी में डाल देता है.
बोले अधिकारी. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा मुकेश कुमार ने बताया कि लू या डायरिया के लिये अलग से वार्ड बनाने के लिये सरकार के द्वारा कोई निर्देश नहीं आया है.

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