मुंगेर : पत्नी व पुत्र ने कैंसर पीड़ित वृद्ध को घर से निकाला मानवता शर्मशार

जिंदगी की आखरी घड़ियां गिन रहे सत्यनारायण को समाज का भी नहीं मिल रहा साथ मुंगेर : अक्सर यह सुना जाता है कि पत्नी व पति का रिश्ता सात जन्मों का होता है़ इसके लिए दोनों एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें भी खाते हैं. किंतु सदर प्रखंड के तारापुर दियारा पंचायत स्थित शिल्हा मनियारचक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 22, 2016 5:49 AM

जिंदगी की आखरी घड़ियां गिन रहे सत्यनारायण को समाज का भी नहीं मिल रहा साथ

मुंगेर : अक्सर यह सुना जाता है कि पत्नी व पति का रिश्ता सात जन्मों का होता है़ इसके लिए दोनों एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें भी खाते हैं. किंतु सदर प्रखंड के तारापुर दियारा पंचायत स्थित शिल्हा मनियारचक गांव निवासी कैंसर पीड़ित सत्यनारयण शर्मा आज जिंदगी की आखिरी घड़ियां अकेले ही गिन रहा है़ उन्हें न सिर्फ उनके पुत्र ने घर से धक्का देकर बाहर निकाल दिया, बल्कि उनकी पत्नी ने भी इस बुरे वक्त में उनसे मुंह फेर लिया है़ हाल यह है कि वृद्ध कैंसर पीड़ित को इंसाफ दिलाने में समाज भी उनकी मदद नहीं कर पा रहा है.
मुंगेर : पत्नी व…
गांव की गलियों में जमीन पर लेटे सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से कैंसर रोग से ग्रसित हैं, जिसके कारण अब वे कोई कामधंधा भी नहीं कर पा रहे हैं. बीमार हालत में वे खुद से अपना इलाज कराने दिल्ली के एम्स गये थे. जहां चिकित्सकों ने इस रोग का अंतिम पड़ाव बताते हुए इलाज करने से मना कर दिया़ जब वापस आये तो पुत्र ने उन्हें घर में यह कह कर दाखिल नहीं होने दिया कि उनके घाव से काफी बदबू आती है़ वहीं पत्नी लता देवी ने यह कह कर उनसे मुंह फेर लिया कि अब वे कमाने योग्य नहीं रहे, उनके बोझ को कौन ढोयेगा़ कैंसर पीड़ित सत्यनारायण शर्मा ने गांव के मुखिया तथा सरपंच को भी अपनी पीड़ा सुनायी़ किंतु वहां के मुखिया व सरपंच भी कुछ नहीं कर पाये.
कैंसर पीड़ित सत्यनारायण शर्मा.
कहती हैं पत्नी
पत्नी लता देवी ने बताया कि जब वह स्वस्थ भी था तो कमा कर घर में पैसा नहीं देता और न ही अपने बच्चों का ख्याल रखता था़ तो अब वे उन्हें इस हाल में क्यों अपना सहारा देगी़ उन्हें अपने किये का परिणाम तो भुगतना ही होगा़
कहती हैं मुखिया
मुखिया बेबी देवी ने कहा कि उन्होंने तथा स्थानीय सरपंच ने सत्यनारायण की पत्नी तथा उनके बेटे को काफी समझाया-बुझाया. किंतु वे दोनों उन्हें अपने घर में रखने से इनकार कर रहे हैं.

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