नहीं बन रहे फायर प्रूफ पंडाल

शारदीय नवरात्र पहली अक्तूबर से शुरू हो रहा है. पंडाल निर्माण से पूर्व आयोजकों द्वारा प्रशासन से एनओसी नहीं लिया जा रहा. आपात स्थिति के लिए सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की जा रहीहै. लखीसराय : दुर्गा पूजा महोत्सव के मौके पर जिले भर में पंडाल बनाये जा रहे हैं. लेकिन ये फायर प्रूफ (अग्निरोधक) नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 24, 2016 8:22 AM
शारदीय नवरात्र पहली अक्तूबर से शुरू हो रहा है. पंडाल निर्माण से पूर्व आयोजकों द्वारा प्रशासन से एनओसी नहीं लिया जा रहा. आपात स्थिति के लिए सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की जा रहीहै.
लखीसराय : दुर्गा पूजा महोत्सव के मौके पर जिले भर में पंडाल बनाये जा रहे हैं. लेकिन ये फायर प्रूफ (अग्निरोधक) नहीं हैं अथवा आपातकाल में आग से निबटने की इसमें कोई व्यवस्था नहीं है. इसके लिए प्रशासनिक उपयोगिता प्रमाण पत्र भी नहीं लिया जा रहा है. अक्सर दुर्गा पूजा आयोजक इन मामलों में विभिन्न विभागों सहित जिला प्रशासन से भी पंडाल बनवाने से पूर्व स्वीकृत आदेश लेना मुनासिब नहीं समझते हैं. इसके चलते आपदा प्रबंधन प्राधिकार के नियमों का खुलेआम उल्लंघन भी जारी है. पंडाल निर्माण के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर अवैध तरीके से बगैर भूकंपरोधी, अग्निरोधी एवं अन्य आकस्मिक आपदारोधी विशालकाय पंडाल बनवाये जा रहे हैं. इस बीच जिला अग्निशमन कार्यालय को सभी निर्माणाधीन पंडालों के स्थल एवं डिजाइनों का भी कोई फोटोग्राफ्स एवं रोडमैप उपलब्ध नहीं कराया गया है.
विदित हो कि राज्य अग्निशमन निदेशालय की ओर से राज्य भर में फायर प्रूफ पंडाल निर्माण करवाने को लेकर जिलाधिकारियों को अग्रिम सूचना दी गयी है. पंडाल निर्माण के क्रम में सड़क, नली, गली, बिजली, खंभा, तार, वाटर सप्लाई पाइप, आवागमन आदि मुद्दों को दरकिनार कर भारी भरकम पंडालों के सार्वजनिक रूप से निर्माण करवाये जा रहे हैं. इस बीच अनुमंडलाधिकारी कार्यालयों में भी पंडाल डेकोरेशन, डीजे आदि के लिए ईमानदारीपूर्वक आवेदन पत्र तक जमा नहीं किये जाते हैं.
फलत: इस नाम पर प्रतिमा स्थापना से लेकर विसर्जन होने तक अराजक स्थिति है. विदित हो कि जिले में अग्निशमन ऑफिस भी बिना स्थायी भवन, भूमि एवं पानी भंडार के चलाया जा रहा है.
कहते हैं अधिकारी: इस बाबत अग्निशमन पदाधिकारी देवकी पासवान ने बताया कि जिले में अग्निरोधी पंडाल निर्माण की दिशा में प्रशासनिक पहल नदारद है. शायद पंडाल निर्माताओं की ओर से अग्निशमन पदाधिकारी को प्रतिलिपि पत्र भी मुहैया नहीं करवाया जाता है.

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