रोगी के लिए स्ट्रेचर भी नहीं

विडंबना. संवेदनहीन बना सदर अस्पताल, मरीज व परिजन परेशान सदर अस्पताल में भरती महिला रोगी जिसे स्लाइन भी लगा हुआ था, को पटना रेफर किये जाने के बाद स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया गया, जिससे मरीज को परिजनों के सहारे एंबुलेंस तक जाने के लिए पैदल ही जाना पड़ा. लखीसराय : राज्य सरकार के अस्पतालों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2016 4:14 AM

विडंबना. संवेदनहीन बना सदर अस्पताल, मरीज व परिजन परेशान

सदर अस्पताल में भरती महिला रोगी जिसे स्लाइन भी लगा हुआ था, को पटना रेफर किये जाने के बाद स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराया गया, जिससे मरीज को परिजनों के सहारे एंबुलेंस तक जाने के लिए पैदल ही जाना पड़ा.
लखीसराय : राज्य सरकार के अस्पतालों में रोगियों को समुचित सुविधा उपलब्ध कराने का स्पष्ट निर्देश के बावजूद कई बार अस्पताल कर्मियों की लापरवाही की वजह से मरीजों को कष्ट उठाना पड़ता है. शनिवार को सदर अस्पताल में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला.
सदर अस्पताल में भरती महिला रोगी जिसे स्लाइन भी लगा हुआ था, को पटना रेफर किये जाने के बाद स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं कराये जाने के कारण परिजनों द्वारा पैदल ही एंबुलेंस में चढ़ाने के लिए ले जाया गया, जबिक महिला इतनी कमजोर है कि उसे खड़ा होने तक की हिम्मत नहीं है. महिला रोगी 30 वर्षीय कंचन देवी के पति संजय मोदी ने बताया कि कंचन को खून की कमी की वजह से सदर अस्पताल में भरती कराया गया था. उन्होंने बताया कि वह काफी कमजोर हो गयी है.
चिकित्सकों ने उसे बेहतर इलाज के लिए पटना ले जाने की सलाह दी. जिसके बाद प्राइवेट एंबुलेंस की व्यवस्था कर उसे पटना ले जा रहे हैं. उन्होंने मरीज को स्ट्रेचर की व्यवस्था के सवाल पर कहा कि स्ट्रेचर नहीं उपलब्ध रहने के कारण वे मजबूरन पैदल ही मरीज को एंबुलेंस तक ले जा रहे हैं, जबिक मरीज को चलने में काफी परेशानी हो रही है.
पति के हाथ में स्लाइन, सास के सहारे मरीज
मरीज के शरीर में चलने तक की ताकत नहीं है, लेकिन िववशता क्या नहीं कराती.
महिला रोगी 30 वर्षीय कंचन देवी के पति संजय मोदी ने बतया कि कंचन को खून की कमी की वजह से सदर अस्पताल में भरती कराया गया था. चिकित्सकों ने उसे बेहतर इलाज के लिए पटना ले जाने की सलाह दी. इसके बाद प्राइवेट एंबुलेंस की व्यवस्था कर उसे पटना ले जा रहे हैं.
क्या कहते हैं उपाधीक्षक
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डाॅ मुकेश कुंमार ने बताया कि मरीज को खून की कमी थी. परिजन उसे पटना ले जाने के लिए एंबुलेंस लाने गये तथा मरीज को अस्पताल के बरामदे में ही बैठा दिया. एंबुलेंस आने के बाद स्ट्रेचर की मांग किये बिना ही मरीज को लेकर चले गये.

Next Article

Exit mobile version