नहीं थमा हरुहर का विवाद

तनाव मछली मारने के सवाल पर एक माह से है तनातनी बड़हिया टाल से जलनिकासी व हरूहर नदी में मछली का शिकार करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. किसानों द्वारा मछुआरा के जाल डालने से जल निकासी में रुकावट बता कर जाल हटाने की मांग की जा रही है. एक माह से भी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2016 1:06 AM

तनाव मछली मारने के सवाल पर एक माह से है तनातनी

बड़हिया टाल से जलनिकासी व हरूहर नदी में मछली का शिकार करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. किसानों द्वारा मछुआरा के जाल डालने से जल निकासी में रुकावट बता कर जाल हटाने की मांग की जा रही है. एक माह से भी अधिक समय से जाल डालने और उसे हटाने को लेकर दो पक्षों में तनाव बरकरार है. प्रशासन के साथ बैठकों के बाद भी मामला सुलझ नहीं रहा है.
लखीसराय : जिले के बड़हिया टाल से जल निकासी एवं हरूहर नदी में मछली का शिकार करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है़ किसानों द्वारा मछुआरों के जाल डालने से जल निकासी में रूकावट बताकर जाल को हटाने की मांग की जा रही है़ लगभग एक माह से अधिक समय से जाल डालने व उसे हटाने को लेकर संघर्ष जारी है़
दोनों पक्ष की ओर यह मामला जिला प्रशासन के समक्ष भी ले जाया गया़ इस पर महतो एवं मछुआरा दोनों गुट के चुनिंदा लोगों के साथ एसडीओ की बैठक हुई थी. एसडीओ के अनुसार राज्य सरकार के निर्देशानुसार मछुआरा प्रमाण पत्र प्राप्त लोग नि:शुल्क मछली का शिकारमाही कर सकते हैं.
इन्हें जाल लगाने के स्थान पर लाल झंडा के साथ साथ नाव परिचालन एवं आम आदमी के रास्ते का भी ध्यान रखना होगा. जाल गांव के सामने नहीं लगाने के साथ किनारा से 15-20 फीट की बनाये दूरी में 8 फीट नीचे से लगाने को कहा गया है. लेकिन किसानों के साथ इन मापदंडों को दरकिनार करते हुए मछुआरों द्वारा लगाया गया जाल के कारण जल निकासी अवरूद्ध हो गया है़ इधर जल संसाधन विभाग द्वारा जल निकासी को लेकर हरुहर व किऊल नदी के मुहाने पर से गाद हटाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है़

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