धान खरीद पर लगा ग्रहण, किसान हैं हलकान

नाकारा साबित हो रही धान खरीद एजेंसियां मीलरों के टैगिंग को लेकर मामला उलझा लखीसराय : धनहर क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान बनाये जिले के हलसी व रामगढ़ चौक प्रखंड क्षेत्र के किसान सरकारी लाभ से वंचित होते रहे हैं. ये किसान जब खून पसीने से अपने खेत को सींचकर अनाज उपजाते हैं तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2017 5:35 AM

नाकारा साबित हो रही धान खरीद एजेंसियां

मीलरों के टैगिंग को लेकर मामला उलझा
लखीसराय : धनहर क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान बनाये जिले के हलसी व रामगढ़ चौक प्रखंड क्षेत्र के किसान सरकारी लाभ से वंचित होते रहे हैं. ये किसान जब खून पसीने से अपने खेत को सींचकर अनाज उपजाते हैं तो उनके मन में कई अरमान होते हैं. इस धनहर क्षेत्र के किसानों का अरमान तब पूरे होंगे जब उसकी मेहनत की कमाई धान का उचित मूल्य मिले. सरकार ने इसके लिए अतिरिक्त क्रय केंद्रों की व्यवस्था भी कर रखी है. इसके अतिरिक्त व्यापार मंडल के साथ-साथ मीलरों को भी धान खरीदने में लगाया गया है. पर नियमों की जटिलताओं और प्रशासनिक कुव्यवस्था के कारण किसान तब मायूस हो जाते हैं, जब उनके धान की सही दाम पर खरीदारी नहीं हो पाती है. सरकारी दर पर खरीद न होने पर किसानों को थक-हार कर औने-पौने दाम में धान बिचौलिए के हाथों बेचना पड़ रहा है.
पिछले दो वर्षों से किसानों द्वारा दी गयी धान का समर्थन मूल्य भी नहीं मिला: लखीसराय जिले में धान खरीद का हाल यह है कि पिछले दो वर्षों से किसानों द्वारा दी गयी धान का समर्थन मूल्य भी अभी तक नहीं मिल पाया है. इसकी गूंज पिछले दिनों शहर में आयोजित मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में भी सुनाई पड़ी थी. इस वर्ष भी किसानों की मेहनत से तैयार धान की फसल घर व खलिहानों में पड़ी है, या जरूरतमंद किसानों द्वारा धान बिचौलियों के हाथों बेची जा रही है. ऐसे में किसानों के अरमान कैसे पूरे होंगे यह स्वयं मे एक सवाल बन गया है. हां, प्रतिवर्ष की तहर इस वर्ष भी बिचौलियों के हाथों धान खरीद कर क्रय एजेंसियां लक्ष्य प्राप्ति का दावा करने में सफल रहेगी. वैसे इसके रोकथाम के लिए लक्ष्य को निर्धारण ही नहीं किया गया है और किसानों से धान खरीद को लेकर ऑनलाइन आवेदन करना अनिवार्य कर दिया गया है.
प्रति किसान अधिकतम डेढ़ सौ क्विंटल धान खरीद की सीमा: प्रति किसान अधिकतम डेढ़ सौ क्विंटल धान खरीद की सीमा तय की गयी है. 17 प्रतिशत नमी वाले धान का सरकार दर 1430 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. 2010 में यह दर मात्र 950 रुपये प्रति क्विंटल था, जबकि 2015 में यह 1360 रुपये रखा गया था. ऐसे में किसानों में सरकारी लाभ लेने की व्याकुलता भी दिखाई दे रही है. अब तक नौ पैक्सो के माध्यम से 27 किसानों से दो हजार 153 क्विंटल धान की ही खरीद की गयी है, जबकि 07 हजार 35 किसानों द्वारा ऑनलाइन आवेदन किये गये हैं. इनमें से 04 हजार 751 आवेदन का विभाग द्वारा कागजों का सत्यापन कार्य पूरा कर लिया गया है. इस कार्य में इन दिनों मीलरों के साथ टैगिंग का मामला सुलझाया जा रहा है.
जिले में धान खरीद का हाल
प्रखंड पैक्स धान खरीद संबंधित किसान
लखीसराय महिसोना 205 क्विंटल 03 किसान
लखीसराय बिलौरी 225 क्विंटल 02 किसान
हलसी मोहद्दीनगर 258 क्विंटल 04 किसान
हलसी प्रतापपुर 200 क्विंटल 02 किसान
हलसी हलसी 100 क्विंटल 01 किसान
हलसी बल्लोपुर 150 क्विंटल 01 किसान
रामगढ़ चौक शरमा 360 क्विंटल 03 किसान
चानन महेशलेटा 505 क्विंटल 09 किसान
चानन लाखोचक 150 क्विंटल 02 किसान
कहते हैं डीएम
जिलाधिकारी सुनील कुमार ने सभी किसानों के धान खरीद किये जाने का दावा करते हुए कहा कि पैक्स, मीलर समेत एसएफसी में समन्वय बना हुआ है. ऑनलाइन वाले किसानों का कागजी सत्यापन में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. नमी की समस्या अभी भी जिले में कायम है.
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