लाल गलियारे में बिछेगी हरियाली चादर
लखीसराय : जिस लाल गलियारे में उजाड़ दिखायी देता था, वहां अब हरियाली चादर दिखायी देगी. यह संभव होगा सरकारी योजनाओं व आम लोगों के सहयोग से. लाल गलियारा यानी जिले के नक्सल प्रभावित चानन, कजरा व अभयपुर के आहर एवं नहर के जीर्णोद्धार के लिए कवायद तेज कर दी गयी है़. प्रशासनिक पहल पर […]
लखीसराय : जिस लाल गलियारे में उजाड़ दिखायी देता था, वहां अब हरियाली चादर दिखायी देगी. यह संभव होगा सरकारी योजनाओं व आम लोगों के सहयोग से. लाल गलियारा यानी जिले के नक्सल प्रभावित चानन, कजरा व अभयपुर के आहर एवं नहर के जीर्णोद्धार के लिए कवायद तेज कर दी गयी है़.
प्रशासनिक पहल पर नक्सल प्रभावित चानन समेत अन्य इलाकों में किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए चानन के कुंदर बराज से छोटे-बड़े नहर को जोड़ कर उसमें पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा़. इससे इन क्षेत्रों में सिंचाई की समस्या दूर हो सकेगी़. इन पहाड़ी इलाकों में पूर्व से ही पानी की किल्लत रही है़. कई बार प्रशासन की ओर से चानन के पहाड़ी इलाकों में सिंचाई व्यवस्था के लिए बोरिंग करने का प्रयास भी किया गया, लेकिन वह सफल नहीं रहा. सिंचाई की समस्या को दूर करने के लिए 200 करोड़ रुपये की लागत से चानन, कजरा व अभयपुर के कुल इलाके आहर नहर का जीर्णोद्धार कर आहर नहर को कुंदर बाराज से जोड़ने की योजना बनायी गयी है. प्रोजेक्ट के अनुसार पहाड़ी इलाके के विभिन्न झरना से आहर व नहर को भी जोड़ने की योजना है. इससे झरने के पानी का उपयोग भी सिंचाई के लिए किया जा सकेगा़.
लाल गलियारे में..
हरियाली के लिए होगा पौधरोपण : इसके साथ ही क्षेत्र में हरियाली को बरकरार रखने के लिए प्रशासन पौधरोपण की योजना भी बना रहा है. इसके तहत 300 एकड़ भूमि में पौधरोपण किया जाना है़. पहाड़ी इलाके को हरा भरा रखने के लिए 300 एकड़ जमीन की तलाश कर चिह्नित किया जायेगा़, जिनमें पौधरोपण भी किया जायेगा. इसके साथ ही मनरेगा के माध्यम से पौधे को बड़ा करने के लिए रोजगार भी उपलब्ध कराया जायेगा.
बोले अधिकारी : जिलाधिकारी सुनील कुमार ने कहा कि कुंदर बराज से पहाड़ी इलाके के आहर व नहर जोड़ने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गयी है़. कुछ दिनों बाद इस दिशा में कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि पौधरोपण के लिए अभी योजना विचाराधीन है़. चानन, कजरा व अभयपुर के किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए पहल शुरू कर दी गयी है़. यहां के किसानों के फसलों की सिंचाई के लिए प्रत्येक आहर व नहर में पानी उपलब्ध कराया जायेगा.