महिला कांस्टेबल नहीं रहने से हो रही काफी परेशानी

लखीसराय : आरपीएफ व जीआरपी किऊल में महिला कांस्टेबल व कनीय अधिकारी नहीं होने के कारण महिला संबंधित मामले को सुलझाने में काफी दिक्कतें हो रही है. महिला का ट्रेन दुर्घटना में घायल होने का मामला हो या फिर महिला संबंधित किसी अन्य अपराध को लेकर आरपीएफ व जीआरपी के पुरुष कांस्टेबल के द्वारा सुलझाना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 25, 2017 7:38 AM
लखीसराय : आरपीएफ व जीआरपी किऊल में महिला कांस्टेबल व कनीय अधिकारी नहीं होने के कारण महिला संबंधित मामले को सुलझाने में काफी दिक्कतें हो रही है. महिला का ट्रेन दुर्घटना में घायल होने का मामला हो या फिर महिला संबंधित किसी अन्य अपराध को लेकर आरपीएफ व जीआरपी के पुरुष कांस्टेबल के द्वारा सुलझाना पड़ता है.
हाल के दिनों में महिला के द्वारा झारखंड से शराब तस्करी का मामला रेल पुलिस के समक्ष आया था. पुलिस को विश्वस्त सूत्रों से झारखंड के जसीडीह व बंगाल से कई युवतियों के द्वारा शराब तस्करी मे संलिप्त होने की खबर मिली थी. लेकिन महिला कांस्टेबल के नहीं होने के कारण कथित युवती को पकड़ने में पुलिस सक्षम नहीं हो पायी. इतना ही नहीं कई बार ट्रेनों में महिला चोर के द्वारा गहना जेवरात की चोरी का भी आरपीएफ के समक्ष मामला आया लेकिन महिला चोर को सर्च करने के लिए आरपीएफ के पास कोई महिला कांस्टेबल नहीं था जिसके कारण कई बार मामले के साथ समझौता करना पड़ा. कभी कभी महिलाओं को ट्रेन दुर्घटनाओं मे घायल व अन्य मामला पुलिस के समक्ष आते रहता है जिसे आरपीएफ व जीआरपी के जवानों के द्वारा ही सुलझाया जाता है.
गुरुवार को आरपीएफ के दो जवान देवघर के 18 वर्षीय कुसुम कुमारी को विक्षिप्तावस्था में पकड़ा . जिसे जीआरपी लखीसराय को सुपुर्द कर दिया. लखीसराय जीआरपी उक्त विक्षिप्त युवती को उसके पिता के आने तक लगभग पांच घंटे तक अपने समक्ष रखा. विक्षिप्त युवती ने जीआरपी को नाकोदम कर रखा था. उक्त युवती कभी फर्श पर लेट जाती तो कभी जीआरपी जवानों के साथ बैठ जाती थी. ऐसे में जवानों को उक्त युवती को पकड़ कर इधर से उधर करना पड़ रहा था.
उस वक्त जीआरपी लखीसराय में एक भी महिला कांस्टेबल नहीं थी. बुधवार की रात को किऊल जमालपुर ट्रेन से कट कर एक महिला की मौत हो गयी जिसकी पूरी कार्रवाई जीआरपी पुरुष कांस्टेबल के द्वारा ही किया गया. बताया जाता है कि जीआरपी व आरपीएफ में महिला कांस्टेबल व कनीय पदाधिकारी नहीं होने के कारण महिला अपराध का मामला नियंत्रण होने में परेशानी होती है.

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