लखीसराय. सदर अस्पताल में लापरवाही का आलम का आलम बरकरार है. जिसे देखते हुए सदर अस्पताल प्रशासन भी अब सख्त कदम उठाने की तैयारी की ली है. इसी के तहत मंगलवार को अस्पताल प्रशासन ने एक प्रसूता के सदर अस्पताल में आने के बाद आशा के द्वारा निजी क्लीनिक ले जाने के मामले में सख्त कदम उठाते हुए लेबर वार्ड में तैनात महिला गार्ड सहित तीन ममता पर कार्रवाई करते हुए उनसे स्पष्टीकरण पूछा तथा एक दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की. बता दें कि महज तीन दिन पहले डीएस डॉ राकेश कुमार ने अस्पताल प्रबंधक नंदकिशोर भारती के साथ संस्थागत प्रसव बढ़ाने के लिए लेबर वार्ड में तैनात स्वास्थ्य कर्मी के साथ आपात बैठक किया था. जिसमें लेबर वार्ड इंचार्ज सहित सभी ममता व सुरक्षाकर्मी को लेबर वार्ड में एंट्री के बाद हर हाल में प्रसव पीड़िता का संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था. बैठक के दौरान डीएस ने स्पष्ट रूप से लेबर वार्ड की सभी स्वास्थ्य कर्मी को वार्ड में एंट्री के बाद पीड़िता के वापस या निजी क्लीनिक जाने की स्थिति में सख्त विभागीय कार्रवाई का चेतावनी भी दिया था. इसके बावजूद मंगलवार को लेबर वार्ड से आशा कर्मी सभी स्वास्थ्य कर्मी को चकमा देकर प्रसव पीड़िता को निजी क्लीनिक ले जाने में सफल हो गयी. हालांकि पीड़िता के लेबर वार्ड से बाहर जाने की भनक किसी तरह अस्पताल प्रबंधन को लग गया. प्रबंधन ने गंभीरता के साथ संबंधित आशा के क्षेत्र के चिकित्सा पदाधिकारी से संपर्क कर पीड़िता को निजी क्लीनिक के चंगुल से छुड़ाकर वापस सदर अस्पताल लाने में सफल रहा. पीड़िता को वापस सदर अस्पताल लाने के बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएस डॉ राकेश कुमार ने ऑन ड्यूटी तैनात महिला सुरक्षा गार्ड लूसी कुमारी, ममता कार्यकर्ता आशा कुमारी, सोनी कुमारी टू एवं रंकी देवी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित दिन का वेतन काटने के साथ स्पष्टीकरण जारी कर दिया. दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण का संतोषप्रद जवाब नहीं देने पर आरोपी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की भी चेतावनी दी. डीएस राकेश कुमार ने बताया कि मंगलवार को कछेना गांव की प्रसव पीड़िता लेबर वार्ड भर्ती हुई थी. साथ आई आशा कर्मी ममता एवं सुरक्षा गार्ड की लापरवाही के कारण पीड़िता को बार गला कर निजी क्लीनिक लेकर चली गयी थी. जानकारी के बाद अस्पताल प्रबंधक नंदकिशोर भारती के सहयोग से पीड़िता को वापस बुलाया. उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में संस्थागत बढ़ोतरी के लिए डीएम सहित विभाग के सभी पदाधिकारी प्रयासरत हैं. वही कुछ स्वास्थ्य कर्मी चंद पैसे की लालच में पीड़िता को बरगलाकर निजी क्लीनिक ले जा रही है. जिससे संस्थागत प्रसव बढ़ावा में अस्पताल प्रबंधन को परेशानी हो रही है.
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