चुनाव समाप्त होते ही समर्थक कर रहे हार-जीत के दावे
चुनाव समाप्त होते ही समर्थक कर रहे हार-जीत के दावे
लखीसराय. लोकसभा मुंगेर संसदीय क्षेत्र के लखीसराय जिले के लखीसराय व सूर्यगढ़ा विधानसभा में शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न होने के बाद प्रत्याशियों की जीत-हार की समीक्षा चौक-चौराहों से लेकर गलियों व चौपालों में होने लगी है. अपने-अपने दलों के समर्थक अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. सभी 12 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो चुकी है, जो चार जून को खुलेगी. चौक-चौराहे, चाय-पान की दुकानों, हाट-बाजारों, गांव-गलियों और चौपालों पर एक-दूसरे के समर्थक अपने प्रत्याशी की जीत का दावा ठोक रहे हैं. किस बूथ से कितने वोट किस प्रत्याशी को मिले, इसको लेकर देर रात तक चर्चाएं होती रही. इसी आधार पर राजनीतिक दलों के समर्थक अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत के दावे भी कर रहे हैं. मतदान प्रतिशत के आधार पर कोई जीत का दावा कर रहा है तो कोई मुस्लिम मतदाताओं के रूझान पर कोई तो शहरी क्षेत्र के मतदाताओं के रूझान को अपनी जीत बता रहा है. कयासों के बाजार के बीच मुंगेर लोकसभा क्षेत्र में निवर्तमान सांसद सह जदयू प्रत्याशी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह व राजद प्रत्याशी कुमारी अनिता के बीच ही मुख्य रूप से मुकाबला माना जा रहा है. दूसरी ओर इस बार के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक ढोने जैसी स्थिति नहीं थी. ऊमस भरी गर्मी के बावजूद मतदाता स्वयं ही वोट डालने पहुंच रहे थे. मतदान केंद्रों पर सुबह से ही पुरुष मतदाताओं के साथ महिला मतदाताओं की लंबी कतार थी. मतदाताओं का यह उत्साह क्यों और किस लिये था, यह बताने की स्थिति में कोई नहीं है, परंतु समझा जा रहा है कि इस बार का मतदान प्रतिशत निश्चित रूप से मुंगेर लोकसभा के राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा छाप छोड़ेगा. फिलहाल राजनीतिक दलों से जुड़े कार्यकर्ता मतदान प्रतिशत की समीक्षा में लगे हैं और सभी मतदान का आकलन अपने-अपने हिसाब से कर रहे हैं.
लोग अपने अपने तरह से कर रहे चुनावी नतीजों का आकलन
बड़हिया. लोकसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान समाप्त हो गया है. मुंगेर लोकसभा के प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है. इनके भाग्य का फैसला अब चार जून को होने वाली मतगणना के बाद ही हो पायेगा. मतदान के बाद से ही चौक-चौराहा, चाय की दुकान पर चुनावी चर्चा जोरों पर है. इस दौरान सभी अपनी-अपनी गणना के अनुसार हार-जीत का आकलन करने में मशगूल हैं. सुबह से ही बड़हिया प्रखंड व नगर स्थित चाय दुकानों पर वरिष्ठ लोग व प्रत्याशियों के समर्थकों द्वारा हार जीत का दौर चल रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस बार मतदाताओं ने पूरी खामोशी के साथ मतदान किया है. इस बार के चुनाव में जीत हार का फैसला अधिक नहीं रहेगा. मतदाता अभी भी कुछ बताने से इंकार कर रहे हैं. चाय दुकान पर चुस्की लेते हुए ग्रामीणों का कहना है कि इस बार बड़हिया नगर के प्रखंड कि जनता विकास को देखते हुए मत किया है. हालांकि उनकी बातों में विकास, शिक्षा, बेरोजगारी व रोजगार का मुद्दा सबसे ऊपर था. वहीं मौजूद लोग अपने-अपने प्रत्याशी के पक्ष में ऐसा गणित प्रस्तुत किया जा रहा है कि सही में उनका ही प्रत्याशी को ताज मिलेगा. हालांकि अन्य लोग भी अपने-अपने नजरिये से चुनाव को देख रहे हैं. मतदान के सही-सही आकलन करने का प्रयास भी कर रहे हैं. सभी चार जून को रिजल्ट आने का इंतजार करने की बात कहकर अपने-अपने घरों की ओर कूच करने लगते हैं. यही नजारा बड़हिया लोहिया चौक, श्रीकृष्ण चौक, सिनेमा हॉल सहित सभी चौक-चौराहे पर है. सुनने वाला भी बड़े चाव से चुनावी चर्चा सुनते हैं. कभी-कभी अपनी राय भी देते हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है