लखीसराय. बुआई से लेकर कटाई और उसके बाद फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए कई प्रकार के कृषि यंत्र उपलब्ध है. जिसकी कीमत अधिक होने को लेकर किसान खरीद नहीं पाते हैं. ऐसे में सरकार इन कृषि यंत्रों की खरीद पर भारी सब्सिडी दे रही है. बिहार सरकार राज्य के किसानों को कृषि यंत्र की खरीद के साथ-साथ कस्टमर हायरिंग केंद्र की स्थापना के लिए भी सब्सिडी दे रही है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में एसएमएएम योजना के अंतर्गत सीएचसी को लेकर 40 प्रतिशत अनुदान देने जा रही है. कृषि अभियंत्रण के सहायक निदेशक गुंजन कुमार के अनुसार लखीसराय जिला के प्रत्येक पंचायत में कस्टम हायरिंग केंद्र यानि कृषि यंत्र बैंक की स्थापना की जानी है. जिसके लिए कृषि विभाग कृषक या कृषकों के समूह के द्वारा ऑफमास वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन की मांग की गयी है. कस्टम हायरिंग सेंटर एवं कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के लिए दो श्रेणी के कृषकों को अनुदान दिया जाना है. सीएचसी की स्थापना पर 40 प्रतिशत तो एफएमबी फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना पर 80 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में सीएचसी के लिए चयनित कृषकों को विभाग के तरफ से स्वीकृत पत्र दिया जा चुका है. जिसमें बालेश्वर यादव, रेशमी देवी, मंटू कुमार साव, लिल्या देवी को संयुक्त कृषि भवन के प्रांगण में डीएम की अध्यक्षता में संपन्न डीएलईसी के प्राप्त आदेश के अनुसार स्वीकृति देकर, यंत्रों के चयन, उपयोग, रखरखाव आदि की जानकारी दिया गया. साथ ही साथ इन किसानों को जल्द से जल्द यंत्र क्रय करने के लिए प्रेरित किया गया. कृषि यंत्रों की कुल लागत राशि 10 लाख रुपये निर्धारित की गयी है, जिसमें वे स्वेच्छा से ट्रैक्टर, जुताई, बुआई, कटाई, थ्रेसर से संबंधित कम से कम एक-एक यंत्र का लेना अनिवार्य है. कृषि यंत्र बैंक की स्थापना के पश्चात लघु एवं सीमांत कृषकों को ओला-उबर की तरह किराये पर समय समय पर आधुनिक यंत्रों की उपलब्धता बनी रहेगी. कृषि क्रियाएं आधुनिक तरीका से समय पर होने से 15 से 20 प्रतिशत उत्पादन में बढ़ोतरी के साथ गुणवत्ता में काफी सुधार होना निश्चित है. ध्यान रहे प्रत्येक पंचायत में मात्र एक ही कृषि यंत्र बैंक की स्थापना करने का प्रावधान विभाग द्वारा किया गया है.
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