मोटे अनाज के पैदावार को लेकर कृषि विभाग ने कसी कमर

मोटे अनाज के पैदावार को लेकर कृषि विभाग ने कसी कमर

By Prabhat Khabar News Desk | May 7, 2024 7:05 PM

लखीसराय. जिला कृषि विभाग ने जैविक विधि से खेती के बाद अब जिले के किसानों को मोटा अनाज के फसल पैदा कराने को लेकर कमर कस चुके हैं. किसानों को मोटा अनाज के पैदावार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारी कर्मियों के साथ बैठक कर किसानों को मोटा अनाज मकई, मरुआ, सांभा, बाजरा आदि उत्पादन के लिए योजनाओं की विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही मोटा अनाज के उपयोग से लोग पूरी तरह स्वस्थ रहते है. इसकी जानकारी देने के लिए भी निर्देश जारी किया गया है.

मोटा अनाज उत्पादन के लिए अनुदान पर बीज कराया जायेगा उपलब्ध

मोटा अनाज उत्पादन के लिए इच्छुक किसानों को अनुदान की राशि पर बीज उपलब्ध कराया जायेगा. इसके लिए कृषि विभाग के पोर्टल पर किसान का आवेदन ऑनलाइन लेना शुरू कर दिया गया है. प्रत्येक पंचायत में कृषि विभाग के कर्मियों द्वारा एक क्लस्टर का निर्माण किया है. जहां किसानों को बुलाकर मोटा अनाज उत्पादन के लिए योजनाओं की जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही किसानों से उनके रजिस्ट्रेशन पर अनुदान की राशि पर बीज के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जा रहा है. आवेदन ऑनलाइन किये जाने के बाद किसानों को बीज उपलब्ध कराया जायेगा. किसानों के इंडेंट के बाद कृषि विभाग के द्वारा मोटा अनाज के बीच के लिए डिमांड की जायेगी. बीज उपलब्ध होने के बाद किसानों को अनुदान की राशि पर बीज उपलब्ध कराया जायेगा.

बीज बोने के बाद फसल के साथ फोटो पर होगा जियो टैग, मिलेगा दो हजार नकद

मोटा अनाज उत्पादन के लिए किसानों के द्वारा जब फसल की बुआई कर ली जायेगी तो फसल के साथ किसानों का फोटो को जियो टैग किया जायेगा. जियो टैग होने के बाद किसान के खाता पर दो हजार रुपया नकद राशि भेज दी जायेगी. किसान के द्वारा मकई, मरूआ, सांबा, बाजरा आदि की खेती के लिए किसानों को अनुदान की राशि पर भी उपलब्ध कराया जायेगा.

बोले अधिकारी

जिला कृषि पदाधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि किसानों का मोटा अनाज उत्पादन के लिए पंचायत के सभी क्लस्टर पर ऑनलाइन आवेदन लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो बीज पर अनुदान की राशि दी जा सकती है. किसानों के डिमांड के अनुसार ही अलग-अलग मोटे अनाज के बीज की डिमांड की जायेगी. इसके बाद किसानों के बीच वितरण किया जायेगा.

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