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प्रसव पीड़िता से खून के नाम पर पांच हजार की उगाही का आरोप

सदर अस्पताल में शनिवार को प्रसव के लिए आयी पीड़िता से खून के एवज में पांच हजार अवैध उगाही का मामला सामने आया है.

लखीसराय. सदर अस्पताल में शनिवार को प्रसव के लिए आयी पीड़िता से खून के एवज में पांच हजार अवैध उगाही का मामला सामने आया है. मामला संज्ञान में आते ही सदर अस्पताल प्रबंधन सहित पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. लगातार खून के काला कारोबार में संलिप्तता को लेकर बदनाम रहा सदर अस्पताल का ब्लड बैंक एक बार फिर ब्लड बैंक में ही बिचौलियों के द्वारा अवैध रूप से पैसे के लेनदेन के कारण सवालिया घेरे में खड़ा हो गया है. जानकारी के अनुसार रामगढ़ चौक प्रखंड के डकरा गांव निवासी तारकेश्वर कुमार 20 वर्षीय प्रसव पीड़िता पत्नी संगीता कुमारी को सुबह लगभग आठ बजे सदर अस्पताल के लेबर वार्ड में भर्ती कराया था. जहां जांच के दौरान पीड़िता को सिजेरियन ऑपरेशन की आवश्यकता बतायी गयी. शरीर में आठ ग्राम हीमोग्लोबिन के कारण खून अरेंज करने का सलाह दिया गया. चिकित्सा के सलाह पर पीड़ित के पति तारकेश्वर कुमार सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में गये जहां पहले से मौजूद बिचौलिये ने जूस पीने के नाम पर छह हजार रुपया देने पर खून उपलब्ध कराने की बात कही. पीड़ित ने बताया कि काफी गिड़गिड़ाने व गरीबी के हवाला देने पर बिचौलिया पांच हजार में एक यूनिट खून देने के लिए तैयार हुआ. खून का अरेंज करने के बाद परिजन जब लेबर वार्ड पहुंचा तो मरीज को ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट किया गया. जहां जांच में पीड़ित का बीपी हाई होने के साथ किडनी फंक्शन टेस्ट में भी खामी पायी गयी. इसके अलावे पीड़िता का प्लेटलेट काउंट भी महज एक लाख 10 पाया गया. लेबर वार्ड में ऑन ड्यूटी तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. हरिप्रिया ने बताया कि पीड़िता का ऑपरेशन के दौरान दो यूनिट ब्लड के साथ आईसीयू की जरूरत हो सकती थी. क्योंकि पीड़ित के पेट में बच्चे का मरा हुआ 18 घंटा से अधिक समय हो गया था. पीड़िता की गंभीरता को देखते हुए डॉ हरिप्रिया ने अन्य चिकित्सक एवं सीएस के परामर्श पर पीएमसीएच रेफर कर दिया. रेफर करने के बाद जब पति तारकेश्वर कुमार ने अस्पताल प्रबंधन से खून के एवज में लिए गये पैसे दिलाने का मांग किया तो अवैध उगाही का मामला संज्ञान में आ गया और उसके बाद ही पूरे विभाग में हड़कंप मच गया. तारकेश्वर ने बताया कि ब्लड बैंक में मौजूद कुलभूषण गिरी नाम के युवक ने उनसे ऑनलाइन पेमेंट लिया. खुद को आर्थिक रूप से कमजोर बताते हुए पीड़ित ने बताया कि पैसा उन्होंने किसी तरह अरेंज कर उपलब्ध करवाया. उसके बाद बिचौलिया गायब हो गया ना पैसा दिया ना ही खून उपलब्ध कराया गया. इधर, सीएस डॉ बीपी सिन्हा ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है.इसकी जांच करायी जायेगी एवं संलिप्त ब्लड बैंक कर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. ज्ञात हो ब्लड बैंक से अवैध उगाही के मामले में कुछ माह पहले ही दो आरोपी स्वस्थ कर्मी के खिलाफ कार्रवाई की गयी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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