पशुओं को बांधने एवं रखने के साथ-साथ चारा की हो रही समस्या
बड़हिया जिले में बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा राहत कार्यों में तेजी लायी जा रही है. जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र स्वयं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा ले रहे हैं और सभी अधिकारियों को अलर्ट मोड में रहकर राहत कार्यों पर नजर रखने का निर्देश दे रहे हैं. इसी क्रम में जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत बाढ़ प्रभावित परिवारों को आवश्यक राहत सामग्री वितरित की. इस अभियान में स्काउट-गाइड की टीम ने अपनी सेवा से महत्वपूर्ण योगदान दिया. जिलाधिकारी ने स्काउट-गाइड के सहयोग से बड़हिया उच्च विद्यालय जगजननी धर्मशाला बड़हिया आश्रय स्थलों पर जाकर बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच आवश्यक वस्त्र और खाद्य सामग्री का वितरण किया. पीड़ित परिवारों को पहनने के लिए साड़ी, पेटिकोट, गंजी, गमछा, तौलिया और छोटे बच्चों के लिए जींस, शर्ट, फ्रॉक आदि वस्त्र उपलब्ध कराये गये. इसके साथ ही, 5 किलो चूड़ा, एक किलो गुड़, मिक्सचर, बिस्किट, मोमबत्ती, सलाई, और साबुन जैसी आवश्यक वस्तुएं भी वितरित की गयी. इस राहत कार्य में हलसी प्रखंड के अंचलाधिकारी अंजली कुमारी, जिला कला संस्कृति पदाधिकारी मृणाल रंजन, वरीय उप समाहर्ता सह आपदा प्रबंधन प्रभारी शशि कुमार के साथ-साथ लखीसराय स्काउट और गाइड के सदस्यों ने जिला प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया. जिला संगठन आयुक्त मृत्युंजय कुमार के अनुसार लखीसराय स्काउट-गाइड के लगभग 40 सदस्य बुधवार की सुबह छह बजे से ही सामग्री की पैकिंग और वितरण में लगे हुए थे. स्काउट मास्टर पंकज कुमार, बलराम कुमार, स्मृता कुमारी, कब मास्टर अनुराग और अन्य चार दर्जनों से अधिक स्काउट-गाइड सदस्यों ने इस कठिन समय में बाढ़ पीड़ितों की सहायता की.
————————————————— —————————————————— पूर्व आईएएस अधिकारी सह कांग्रेस नेता ने जिलाधिकारी को लिखा पत्र बाढ़ के शिकार बने लोगों को राहत प्रदान करने का किया विशेष अनुरोध प्रतिनिधि, बड़हिया गंगा के जलस्तर में आयी तेजी के कारण बाढ़ का शिकार बने लखीसराय वासियों के लिए कांग्रेस नेता गोरखनाथ ने गुरुवार को जिलाधिकारी से विशेष अनुरोध किया. सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी गोरखनाथ ने लखीसराय जिलाधिकारी को लिखे पत्र में उनसे जिले में बाढ़ से प्रभावित लोगों और उनके जान-माल के नुकसान को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि गंगा नदी एवं अन्य सहायक नदियों के जल प्रवाह में अचानक वृद्धि होने के कारण जिलांर्गत दियारा एवं टाल क्षेत्रों के कई गांव गत एक सप्ताह से जलमग्न हो गये हैं. गोरखनाथ ने कहा कि बाढ़ के कारण वहां के निवासियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. इस दौरान व्यक्तियों एवं मवेशियों की क्षति के साथ-साथ किसानों के फसलों की भी क्षति हुई है. जिसके कारण उक्त क्षेत्र के निवासियों एवं किसानों को हुई आर्थिक क्षति की पूर्ति सरकार के द्वारा किये जाने का प्रावधान है. जिलाधिकारी से उन्होंने अनुरोध किया कि उक्त स्थिति में आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत स्पष्ट निर्देश दिये गये है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को बाढ़ के दौरान ऊंचे स्थानों पर पुनर्वासित करने के साथ साथ अन्य आवश्यक सुविधायें उपलब्ध करायी जायें. किसानों के फसलों को हुई क्षति का आकलन कर फसल मुआवजा उपलब्ध करायी जायें, उक्त क्षेत्रों को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित कर विभिन्न प्रकार की हुई क्षति का आकलन कर पानी, बिजली, सड़क आदि की सम्यक सुविधायें यथा शीघ्र उपलब्ध करायी जाय. सरकार का यह भी निर्देश है कि ‘राज्य के संसाधन पर प्रथम हक आपदा पीड़ितों का है’. कांग्रेस नेता गोरखनाथ ने कहा कि उक्त स्थापित नियमों और निर्देशों के आलोक में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के व्यक्तियों तथा किसानों को यथाशीघ्र आवश्यक सुविधायें उपलब्ध करायी जाय. दरअसल, बाढ़ से लखीसराय के दियारा और टाल के इलाकों के कई गांवों में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा है. जिले में राहत शिविर भी संचालित हैं. बावजूद इसके बाढ़ पीड़ितों को कई किस्म की परेशानी झेलनी पड़ रही है. खासकर पशुओं के चारा और किसानों के फसलों के नुकसान को लेकर बाढ़ पीड़ितों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है. ऐसे में अब गोरखनाथ ने उनकी चिंताओं को लेकर जिलाधिकारी से विशेष अनुरोध किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है