लखीसराय. जच्चा-बच्चा की सुरक्षा को लेकर सरकार कई कार्यक्रम चला रही है. प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत प्रत्येक माह के नौ एवं 21 तारीख को सभी अस्पतालों में शिविर लगाकर गर्भवतियों की प्रसव पूर्व चार जांच की जाती है. इस दौरान गर्भवतियों की हीमोग्लोबिन, बीपी, सुगर, एचआइवी आदि की जांच कर अल्ट्रासाउंड कर गर्भ में पल रहे शिशु की स्थिति की जानकारी ली जाती है. इस दौरान उच्च जोखिम वाली गर्भवतियों को चिह्नित कर नियमित रूप से इलाज कर सुरक्षित प्रसव कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाती है. उच्च जोखिम वाली चिह्नित गर्भवती महिलाओं की सूची सिविल सर्जन द्वारा संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को भेजकर संबंधित गर्भवती महिलाओं पर आशा के माध्यम से नजर रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता रहा है. वर्तमान समय में सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन) कार्यक्रम का भी संचालन प्रारंभ किया गया है. फिलहाल प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत विभिन्न स्वास्थ्य केंद्र के साथ-साथ सदर अस्पताल में भी सोमवार को एएनसी जांच शिविर का आयोजन किया जायेगा. सुमन कार्यक्रम में आशा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ कॉल सेंटर को महत्वपूर्ण दायित्व सौपा गया है. आशा के माध्यम से संबंधित उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को बुलाकर जांच करना सुनिश्चित कराए जाने की व्यवस्था है तो सुमन कार्यक्रम में भी आशा कार्यकर्ताओं की ही अहम भूमिका रहेगी. साथ ही प्रसव के समय संबंधित महिलाओं को अस्पताल लाकर सुरक्षित प्रसव कराने की व्यवस्था भी आशा कार्यकर्ता के ही भरोसे रखा गया है. उच्च जोखिम वाली गर्भवतीं महिलाओं पर नजर रखकर प्रसव के समय उसे अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी आशा को दी गयी है. साथ ही समय- समय पर जांच कराकर इलाज कराने से जोखिम कम होगा. कमोवेश सुमन कार्यक्रम में भी इसी व्यवस्था से गुजरना होगा जबकि बच्चों के छह माह तक देखभाल की भी व्यवस्था की गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है