FIR कॉपी का उपयोग कर रहे साइबर अपराधी, जानें इस धोखाधड़ी से कैसे बचें
Bihar Cyber Crime: लखीसराय में साइबर अपराधी एक नया और चतुर तरीका अपनाकर लोगों को ठगने में जुटे हैं. हाल ही में सामने आए एक मामले में साइबर ठग विभिन्न थानों में दर्ज प्राथमिकी को इंटरनेट से डाउनलोड कर, जांच अधिकारी (I.O) बनकर पीड़ितों से संपर्क कर रहे हैं.
Bihar Cyber Crime: लखीसराय में साइबर अपराधी एक नया और चतुर तरीका अपनाकर लोगों को ठगने में जुटे हैं. हाल ही में सामने आए एक मामले में साइबर ठग विभिन्न थानों में दर्ज प्राथमिकी को इंटरनेट से डाउनलोड कर, जांच अधिकारी (I.O) बनकर पीड़ितों से संपर्क कर रहे हैं. वे पीड़ितों से मामले की जांच को तेज करने और उनके विपक्षी की जल्द गिरफ्तारी की बात कहते हुए पैसे की मांग कर रहे हैं.
कैसे ठग रहे हैं साइबर अपराधी?
साइबर ठगों ने अब इंटरनेट की मदद से थानों में दर्ज प्राथमिकी की कॉपी को अपलोड कर दिया है, जिसमें जांच अधिकारी का नाम भी दर्ज होता है. इस जानकारी का फायदा उठाकर ठग पीड़ितों को फोन करके पैसे की मांग करते हैं. ठगी के इस तरीके के कारण कई मामले पुलिस तक नहीं पहुंच पाते, क्योंकि राशि कम होने पर पीड़ित शिकायत दर्ज करने से कतराते हैं.
पुलिस का संदेश और जागरूकता अभियान
लखीसराय साइबर थाना के पुलिस अवर निरीक्षक संजीव कुमार ने लोगों से अपील की है कि कोई भी पुलिस अधिकारी पैसे की मांग नहीं करता है. यदि इस तरह के किसी फोन कॉल का सामना करें, तो तुरंत संबंधित थाना या साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराएं. पुलिस इस मामले में तत्परता से कार्रवाई करेगी.
अगर ठगी का शिकार हो जाएं तो क्या करें?
लखीसराय साइबर थाना के पुलिस अवर निरीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि यदि कोई साइबर ठगी का शिकार हो जाता है, तो उसे तुरंत 1930 पर कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करानी चाहिए. इसके अलावा, साइबर क्राइम की वेबसाइट www.cybercrime.gov.in पर भी शिकायत की जा सकती है.
ये भी पढ़े: BPSC अभ्यर्थियों से मिलने पहुंचे राहुल गांधी, देखे वीडियो
महिला के साथ घटित एक ठगी का मामला
लखीसराय में एक महिला ने इस ठगी के शिकार होने के बाद 1800 रुपये ट्रांसफर कर दिए थे. बाद में, महिला को ठगी का एहसास हुआ, लेकिन उसने इस मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे इस तरह के साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क रहें. किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश पर तुरंत प्रतिक्रिया न दें और इस तरह की घटनाओं को सामने लाने में पुलिस का सहयोग करें.