विराट व्यक्तित्व के धनी थे बिहार केसरी श्री बाबू
विराट व्यक्तित्व के धनी थे बिहार केसरी श्री बाबू
आधुनिक बिहार निर्माता डॉ श्रीकृष्ण सिंह की मनायी गयी जयंती
हलसीप्रखंड मुख्यालय स्थित आंबेडकर सभा भवन परिसर में गुरुवार को डॉ श्रीकृष्ण जयंती समारोह समिति द्वारा में बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ श्रीकृष्ण सिंह की 137वीं जयंती आयोजित की गयी. मौके पर उपस्थित अतिथियों द्वारा उनके तैल्य चित्र पर माल्यार्पण किया गया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. उसके बाद कार्यक्रम को विधिवत अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ श्रीकृष्ण जयंती समिति के अध्यक्ष पूर्व मुखिया शिवेंद्र कुमार डबलू ने की, जबकि मंच संचालन शिक्षक नेता विपिन बिहारी भारती द्वारा किया गया. कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि के रूप में बिहार मुख्य डाक महाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह, आईएमए पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद प्रसाद सिंह एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में सेवानिवृत आईएएस गोरखनाथ सिंह, उमेश प्रसाद सिंह, डॉ पंकज कुमार सिंह, डॉ नीरज प्रसाद विपुल, लखीसराय जिप अध्यक्ष अंशु कुमारी के रूप में पहुंचे. लोगों को संबोधित करते हुए अनिल कुमार सिंह ने कहा कि श्री बाबू का विराट व्यक्तित्व थे, वह जाति से नहीं थे वह जमात का विकास किया. उन्होंने देवघर के बाबा वैद्यनाथ मंदिर में दलितों को प्रवेश कराने के लिए लाठियां तक खायी और जब तक दलितों को वहां पूजा के लिए प्रवेश नहीं करा लिया, तबतक वे चैन से नहीं बैठे. अपने कार्यकाल में उन्होंने पूरे बिहार को कल कारखानों से भर दिया. हजारों लोगों के लिए रोजगार सृजन किया एवं बिहार की अर्थव्यवस्था को पूरे देश के स्तर पर मजबूत बनाने का काम किया. उन्होंने कहा कि श्री बाबू पूरे बिहार वासियों के लिए एक गौरव हैं और यह श्री बाबू की ही देन है.
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