ब्लड डोनर्स एसोसिएशन की मांग पूरी होने पर रक्तदाताओं ने जतायी खुशी
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ब्लड डोनर्स एसोसिएशन के 21 सूत्री मांगों पर पहल करने का आश्वासन दिया है.
लखीसराय. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने ब्लड डोनर्स एसोसिएशन के 21 सूत्री मांगों पर पहल करने का आश्वासन दिया है. साथ ही साथ बीएसएसीएस ने रक्तदाताओं के हित में बिहार ब्लड डोनर्स एसोसिएशन (बीबीडीए) की 21 सूत्री मांगों पर मुहर लगा दी है. राज्य में स्वैच्छिक रक्तदान को नियंत्रित करने वाली सरकारी संस्था बिहार स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (बीएसएसीएस) के द्वारा मांग को मानने के बाद बीबीडीए के संरक्षक पैनल सदस्य मां बाला त्रिपुर सुंदरी बड़हिया रक्तदान समूह के संस्थापक रौशन कुमार सिंह समेत स्थानीय रक्तवीर सुधांशु कुमार, अंकुल कुमार, आदर्श कश्यप, रोहित कुमार, ज्योति कुमार, राहुल कुमार, मृत्युंजय कुमार ने खुशी का इजहार किया है. रौशन ने बताया कि 21 सूत्री मांगों को लेकर बीबीडीए की टीम गया के गांधी मैदान गेट नंबर सात पर पिछले 20 दिनों से धरने पर बैठे थे. एडीएम गया ने मध्यस्ता करते हुए बीएसएसीएस के अधिकारियों से बात कर 23 अगस्त को टीम से वार्ता की. बीबीडीए की तरफ से संयोजक सोनी कुमार वर्मा के नेतृत्व में रौशन कुमार सिंह आदि की शिष्टमंडल टीम पटना पहुंच कर वार्ता में शामिल हुई. सरकार द्वारा सभी 21 मांगों को माने जाने से बिहार के सभी जिलों में स्वैच्छिक रक्तदान से जुड़ी संस्थाओं में हर्ष का माहौल है. अब स्वैच्छिक रक्तदाताओं को रक्तदान करने में सुविधा होगी. जिससे रक्त वीरों की संख्या में भी इजाफा होगा, लोग रक्तदान करने के लिए बड़ी संख्या में आगे आयेंगे. जिससे जरूरतमंदों को समय पर इसका लाभ मिल सकेगा. इस धरना प्रदर्शन के संघर्ष से जुड़े संगठन के स्टेट पैनल सदस्य श्री सिंह ने कहा कि आने वाले कुछ दिनों में अगर सदर अस्पताल लखीसराय में सुधार नहीं आया तो अब हम स्पेशल सदर अस्पताल या समाहरणालय लखीसराय में धरना पर बैठने का कार्य करेंगे. इनके प्रमुख मांगों में निगेटिव ब्लड ग्रुप का रक्त उपलब्ध कराने के बदले में दो यूनिट रक्त की मांग को लेकर कार्रवाई करने, प्रोसेसिंग चार्ज में एकरूपता ला न्यूनतम करने, बीसेकस द्वारा निर्गत डिजिटल डोनर कार्ड का सभी सरकारी निजी रक्त केंद्रों में मान्यता देने, मरीज के परिजनों से विशेष रक्त केंद्र से रक्त लाने का दबाव नहीं डालने तथा किसी भी लाइसेंसधारी सरकारी व निजी रक्त केंद्र से रक्त लाने का विकल्प उपलब्ध कराने, सेपरेटर मशीन की उपलब्धता, ब्लड उपलब्धता सार्वजनिक रखने रक्तदान क्षेत्र में कार्य कर रही संस्थाओं को बीसेक से संबद्धता प्रदान करने, कर्मचारियों को रक्तदान पर विशेष लाभ देने आदि शामिल है.
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