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गंगा व सहायक नदियों के उफान पर लगा ब्रेक

क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति भयावह हो चुकी है. आलम ये है कि चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है.

बड़हिया. क्षेत्र में बाढ़ की स्थिति भयावह हो चुकी है. आलम ये है कि चारों ओर सिर्फ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. हालांकि राहत की बात यह है कि गंगा व उसके सहायक नदियों के जलस्तर में वृद्धि थम गयी है और जलस्तर स्थिर बना हुआ है. इससे उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही गंगा के जलस्तर में गिरावट देखने को मिल सकती है. बता दें कि पिछले सात दिनों से लगातार गंगा व हरूहर नदियों का जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रहने से जिसके कारण लोग अपने घरों में ही जल बंदी बन कर रह गये हैं. लोगों के बीच खाने-पीने से लेकर सोने-बैठने व शौचालय को लेकर काफी परेशानियों खड़ी हो गयी हैं. दरियापुर से खुटहा जाने वाली मुख्य मार्ग पूरी तरह से डूब चुकी है व आवागमन दो दिनों से पूरी तरह से बाधित हो चुकी है. लोगों का कहना है कि पूरा गांव चारों तरफ से पानी से घिर चुका है. बाजार जाने का कोई साधना नहीं है. खाने-पीने की सामग्री लाने में परेशानी है. क्षेत्र के हजारों बीघे में लगी फसल डूब चुकी है. पूरे टाल क्षेत्र के दर्जनों गांव पूरी तरह बाढ़ से घिर गया है. इन सभी गांव के लोगों का एक मात्र सहारा नाव है. अस्पताल सहित अन्य जरूरत के सामान लाने के लिए प्रखंड मुख्यालय जाने में कठिनाई हो रही है. खेत में लगे टमाटर, मिर्च के बीज, धान पूरी तरह से नष्ट हो चुका है. किसानों को लाखों की क्षति हो चुकी है.

इधर, बाढ़ पीड़ितों के लिए लगाये गये उच्च विद्यालय व जगनानी धर्मशाला में राहत शिविर जारी है. जगनानी धर्मशाला में आयोजित राहत शिविर में 362 बूढ़े, बच्चे, नौजवान एवं महिलाएं रहे हैं. किसान भवन में 450 महिला-पुरुष व बच्चे को राहत शिविर में सुबह शाम भोजन दिया जा रहा है.

देवघरा में नाले से रिस कर बाढ़ का पानी कर रहा प्रवेश

मेदनीचौकी. ताजपुर पंचायत के देवघरा गांव में किऊल नदी किनारे रिंग बांध में बने नाले से रिस कर गांव के वार्ड संख्या आठ काली स्थान में बाढ़ का पानी प्रवेश कर रहा है, जिससे ग्रामीण भयभीत हो गये हैं. बताया गया कि गांव के नाले का पानी का निकास नदी में था. अब नदी में बाढ़ आने से नाला होकर गांव में रिटर्निंग पानी गांव में प्रवेश करने को लेकर नाले को बंद करवा दिया गया था, लेकिन नदी में बाढ़ के पानी के दबाव से उक्त नाले द्वारा बाढ़ का पानी रिसकर कई निचले घरों तक प्रवेश कर गया है. पूर्व वार्ड सदस्य संजय यादव ने बताया कि रविवार को बाढ़ के पानी का रफ्तार थमा है. दो-तीन ईंच नदी का जलस्तर घटा है.

जलस्तर में नहीं हुई कमी, परेशानी अभी भी बरकरार

सूर्यगढ़ा. गंगा के जलस्तर में कमी नहीं होने की वजह से जिले के बाढ़ प्रभावित इलाके में लोगों की परेशानी अभी भी बरकरार है. सूर्यगढ़ा प्रखंड क्षेत्र के कुछ गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर जाने से लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. अलीनगर पंचायत के खर्रा गांव में निचले इलाके के डेढ़ दर्जन घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. इधर, खर्रा गांव पुराना डीह जलमग्न हो जाने से पशुपालकों को मवेशी रखने में काफी परेशानी हो रही है. सड़क किनारे ही मवेशी का बथान बन गया है.

बाढ़ पीड़ित बच्चों के बीच किया गया दूध का वितरण

लखीसराय. जिले के बड़हिया प्रखंड मुख्यालय में उच्च विद्यालय लोहिया चौक एवं जगनानी धर्मशाला बड़हिया बाढ़ राहत शिविर में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस वंदना पांडेय की देखरेख में आश्रय स्थल में रह रहे करीब 150 बच्चों के बीच सेविकाओं के माध्यम से दूध का वितरण करवाया गया. जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने बाढ़ राहत शिविर में उपस्थित अभिभावकों को आश्वस्त किया कि उन लोगों को बिल्कुल भी घबराना नहीं है. जिला प्रशासन आपके साथ खड़ा है. यदि कोई भी परेशानी, समस्या है तो घबरायें नहीं सेविका को बतायें, ताकि उसका समाधान हो सके. आंगनबाड़ी सेविका को भी निर्देश दिया गया कि स्कूली पूर्व शिक्षा, स्वच्छता, पोषण भी पढ़ाई भी और पोषण माह में चल रहे गतिविधि से संबंधित कार्य करने के साथ-साथ दूध का भी वितरण करते रहें. अपने स्तर से सूखा राशन का वितरण भी करें. जिला मिशन समन्वयक प्रशांत कुमार ने बताया कि महिला एवं किशोरी से संबंधित समस्या के लिए हब कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.

सदर प्रखंड के चार पंचायतों को बाढ़ ग्रस्त घोषित करने की मांग

लखीसराय. जिले के बड़हिया, पिपरिया में बाढ़ की परेशानी के साथ ही सदर प्रखंड के भी चार पंचायतों में अपना प्रकोप दिखा रही है. अमहरा, बालगुदर, साबिकपुर व गढ़ी विशनपुर पंचायत के अनेकों गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं. जिसे देखते हुए क्षेत्रीय जिप सदस्य अमित कुमार उर्फ चिक्कू ने जिलाधिकारी को पत्र देकर इन क्षेत्रों को बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि इन पंचायत के गांवों के घरों में पानी प्रवेश कर चुका है. किसानों का सभी फसल नष्ट हो चुका है. प्रखंड जिला मुख्यालय से संपर्क कई गांवों का भंग हो चुका है. उन्होंने डीएम से आवेदन के आलोक में उचित कार्रवाई करते हुए उचित मुआवजा की मांग की है.

बभनगावां बगीचा व नेमदारगंज में सामुदायिक किचन बनाने की मांग

लखीसराय. अमहरा पंचायत अंतर्गत बाढ़ प्रभावित बभनगावां बगीचा टोला निवासी को किसी तरह की सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गयी है. जबकि शत-प्रतिशत बाढ़ से प्रभावित आबादी वाला टोला बगीचा बभनगावां है. जहां लगभग सभी के घरों में पानी है, गांव से निकलने का कोई साधन नहीं है. उपरोक्त बातें भाकपा नेता सह अधिवक्ता रजनीश कुमार ने बताते हुए कहा कि बगीचा टोला के बदले बभनगावां मध्य विद्यालय में सामुदायिक किचन की शुरुआत की गयी है, जिसकी कोई जरूरत नहीं है. सामुदायिक किचन की जरूरत बभनगावां बगीचा व नेमदारगंज में है. उन्होंने सरकारी राशि का सदुपयोग करते हुए बभनगावां, नेमदारगंज में तत्काल नाव एवं सामुदायिक किचन की व्यवस्था करने की मांग की, ताकी बाढ़ प्रभावितों को राहत मिल सके.

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