56 करोड़ की लागत से पथला घाट से लेकर गायत्री मंदिर तक बनेगा पुल

राज्य में कुल 26 पुल पुलिया निर्माण होने को स्वीकृति की सूची में किऊल नदी पर बनने वाली एक पुल को भी शामिल किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 25, 2024 8:50 PM

लखीसराय. राज्य में कुल 26 पुल पुलिया निर्माण होने को स्वीकृति की सूची में किऊल नदी पर बनने वाली एक पुल को भी शामिल किया गया है. हालांकि लोकसभा चुनाव के पूर्व भी बाजार से किऊल नदी में पुल निर्माण को लेकर प्राक्कलन के साथ निविदा भी निकल गया था. जिसमें 38 करोड़ 70 लाख 40 हजार रुपये की लागत से पुल निर्माण की एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था. जिसमें निविदा की तारीख 30 मई 2024 को भी तय की कर लिया गया था, लेकिन बाद में पुल निर्माण विभाग बिहारशरीफ के अधिकारियों में बताया कि पुल निर्माण में तकनीकी गड़बड़ी को लेकर टेंडर कैंसिल कर दिया गया. सब लोगों ने इसे लोकसभा चुनाव का स्टंट मानते हुए एक छलावा बताया था. जिससे लोगों में असंतोष का भाव जाग गया. लोगों द्वारा यह कहा जा रहा था कि चुनाव को लेकर सिर्फ यह एक बहकावा थी, लेकिन पिछले दिनों बिहार सरकार द्वारा सूबे में 26 पुल पुलिया निर्माण करवाने पर मोहर लगा दी गयी. जिसमें लखीसराय रेलवे स्टेशन के नजदीक किऊल नदी पर पुल निर्माण करना का प्रस्ताव शामिल है. पुल निर्माण में 56.10 करोड़ रुपये की लागत बतायी गयी है. हालांकि पुल निर्माण को लेकर टेंडर आदि की तिथि नहीं तय की गयी है. पुल निर्माण में 24 माह का समय लेने की बात कही गयी है.

पुल निर्माण की बात सामने आने पर लोगों में एक चर्चा का विषय बना हुआ है. कुछ लोगों का कहना है कि जब-जब चुनाव का समय नजदीक आता है तब तक पुल निर्माण करने की बात होती है, लेकिन पूरे राज्य में 26 पुल का निर्माण की बात झूठ नहीं हो सकता है. ऐसा भी लोगों के बीच चर्चा है. कुछ लोगों का कहना है कि पुल निर्माण कोई खेल की बात नहीं है. पुल निर्माण में तकनीकी गड़बड़ी के साथ-साथ सरकार के समक्ष अन्य समस्या भी आती है. जिसे समाधान कर पुल निर्माण करने की बात सरकार द्वारा पास किया जाता है. किऊल नदी पर रेलवे स्टेशन के पास पुल निर्माण हो जाने से लखीसराय स्टेशन एवं किऊल स्टेशन के साथ-साथ चानन की एक बड़ी आबादी को काफी राहत होगा. इसके साथ ही सरकार की राजस्व भी बढ़ेगा.

वर्ष 2006 में विधायक ने सदन में उठायी थी पुल निर्माण की बात

वर्ष 2006 से पूर्व ही सूर्यगढ़ा विधायक प्रहलाद यादव के द्वारा किऊल नदी पर किऊल रेलवे स्टेशन के समीप पुल निर्माण की बात उठायी गयी थी. पुल निर्माण को लेकर विधायक के मद में राशि भी भेजी गयी थी, लेकिन राशि कम होने के कारण विधायक द्वारा नदी में छिलका फुल बनाने की बात कही गयी. इस बीच प्रहलाद यादव विधानसभा चुनाव हार गये थे. पुल निर्माण को लेकर सांसद तक समाज सेवी नवल कुमार, सरवन मंडल, अरुण मंडल, जदयू के प्रखंड अध्यक्ष अजीत कुमार पटेल समेत उन लोगों ने कई बार रखी है. अंत में पुल निर्माण को लेकर टेंडर और प्राक्कलन राशि का विज्ञापन भी प्रकाशित कर दिया गया.

वर्ष 2020 में पूर्व नप सभापति के साथ पुल निर्माण विभाग के अधिकारियों ने कराई थी मिट्टी जांच

वर्ष 2020 से पूर्व नप के सभापति अरविंद पासवान के साथ पुल निर्माण विभाग बिहार शरीफ के अभियंताओं के द्वारा किऊल नदी के मिट्टी जांच भी कराया था. अभियंता ने पथला घाट, मच्छलहट्टा एवं रेलवे पुल के समानांतर से किऊल नदी का मिट्टी जांच करने के लिए अपने साथ ले गया था. तभी से लोगों को यह लगने लगा था कि पथलाघाट या मच्छलहट्टा के पास ही किऊल रेलवे फील्ड तक आरसीसी पुल का निर्माण कराया जायेगा.

केंद्रीय मंत्री सह सांसद, उप मुख्यमंत्री व विधायक की पहल पर होगा पुल निर्माण

स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा के साथ-साथ स्थानीय विधायक प्रहलाद यादव की पहल पर पुल निर्माण कराया जायेगा, इसके लिए समाजसेवी नवल कुमार, वार्ड पार्षद गौतम कुमार अरुण मंडल, बीपी मंडल प्रखंड अध्यक्ष अजीत पटेल ने संसद उपमुख्यमंत्री एवं विधायक को बधाई दी है.

बोले अधिकारी

पुल निर्माण विभाग बिहारशरीफ के अभियंता गौतम कुमार ने बताया कि पुल निर्माण को लेकर अभी तक कोई नया मैसेज उन्हें नहीं मिला है, लेकिन पुल निर्माण की स्वीकृति की जानकारी उन्हें भी है. प्रधान कार्यालय से मैसेज आने के बाद कार्रवाई की जायेगी.

किऊल नदी पर पुल निर्माण के कार्य प्रारंभ होने तक आंदोलन की चेतावनी

लखीसराय. गायत्री मंदिर के परिसर में रविवार को किऊल से पथला घाट लखीसराय सड़क पुल निर्माण संघर्ष समिति की बैठक चंद्रदेव यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में सर्वसम्मति से पुल निर्माण के लिए अनवरत संघर्ष करने का निर्णय लिया गया. कार्यक्रम के दौरान सर्वप्रथम आगामी नौ सितंबर 2024 को दिन के 11 बजे से किऊल रेलवे मैदान में एकदिवसीय धरना कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. जिसके तहत स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भेंट वार्ता कर पुल निर्माण की मांग की जायेगी. साथ ही अग्रतर कार्यक्रम के तहत जिला समाहरणालय पर धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के साथ जिलाधिकारी लखीसराय को ज्ञापन सौंपा जायेगा. जरूरत पड़ने पर लखीसराय सड़क मार्ग और रेल मार्ग भी जाम किया जा सकता है. सड़क पुल संघर्ष समिति ने यह संकल्प लिया है कि जब तक पुल का निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो जाता तब तक जनता का संवैधानिक आंदोलन कार्यक्रम अनवरत रूप से जारी रहेगा. पथला घाट से किऊल गायत्री मंदिर के बीच सड़क पुल का निर्माण होने से लाखों की आबादी की सुविधा मिल सकेगी. साथ ही लखीसराय रेलवे स्टेशन एवं किऊल रेलवे स्टेशन जुड़ जायेगा. जिससे की रेल विभाग को भी अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो जायेगी. पुल निर्माण से सूर्यगढ़ा, अभयपुर, कजरा, चानन व लखीसराय की जनता को यातायात की सुविधा सहज हो जायेगी. बैठक में पुल निर्माण संघर्ष समिति के सचिव शिवनंदन पंडित, अविनाश कुमार यादव, त्रिवेणी पांडेय, महेश यादव, मो आजाद, किशोर साह, मोती साह, विनोद रावत, बालेश्वर पासवान, दीनदयाल यादव, उपेंद्र, सुमित्रा देवी, उत्तम परमिल, रामानुज देवी, विवेक यादव, सुरेश यादव, ललिता देवी, पागो देवी समेत कई लोग उपस्थित थे.

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