संत शिरोमणि गौस्वामी तुलसीदास की मनायी गयी जयंती
रविवार को भारतीय धर्म, संस्कृति और साहित्य के प्रयोक्ता संत शिरोमणि गौस्वामी तुलसी दास की जयंती मनायी गयी.
लखीसराय. शहर के वार्ड नंबर 33 विश्वनाथपुरम स्थित नाथ पब्लिक स्कूल परिसर के देवालय में रविवार को भारतीय धर्म, संस्कृति और साहित्य के प्रयोक्ता संत शिरोमणि गौस्वामी तुलसी दास की जयंती मनायी गयी. स्कूल की प्राचार्य विनीता सिन्हा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. मौके पर नाथ पब्लिक स्कूल के सचिव विश्वनाथ प्रसाद के साथ शिक्षक-शिक्षिकाएं व बच्चों ने महाकवि गौस्वामी तुलसीदास की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था के सचिव विश्वनाथ प्रसाद ने कहा कि गौस्वामी तुलसीदास हिंदी साहित्य जगत के महान संतकवि थे. जिन्होंने अपनी लेखनी से धर्म, संस्कृति, भक्ति और आदर्श जीवन के संदेश को विश्व के मानचित्र पर बोध कराया. वे सगुन रामभक्ति धारा के उपासक थे. उनकी एक दर्जन रचनाओं में सबसे सरल अवधि भाषा में रचित श्रीरामचरितमानस को विश्वस्तरीय ख्याति मिली, हालांकि अन्य प्रमुख रचनाओं में कवितावली एवं दोहावली शामिल है. अति लघु रचना हनुमान चालीसा को भारतीय हिंदू समाज में ज्यादा लोकप्रियता मिली. जनमानस ने इसे कंठहार बना लिया. प्राचार्य विनीता सिन्हा ने कहा कि श्रीरामचरितमानस में भगवान श्रीराम की जीवनी को सरल और अवधि भाषा शैली की सरस भाषा में प्रस्तुत किया गया है. प्रबंधक नाथ अभिनव एवं नाथ अमिताभ ने कहा कि गौस्वामी जी जीवन की अंतिम समय यूपी के काशी में व्यतीत किया और शरीर भी वहीं त्याग किया. पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में शिक्षिका बिंदु कुमारी, कुमकुम कुमारी, काजल कुमारी, तन्नू कुमारी, विद्यासागर, गौतम कुमार, विपिन कुमार तथा छात्राएं पूजा, कोमल, सुहानी व शिवांगी शामिल थी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है