बड़हिया. प्रखंड के पाली पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय फदरपुर में शुक्रवार को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर अंतरिक्ष विज्ञान क्विज का आयोजन किया गया. प्रधानाध्यापक अजय कुमार की देखरेख में विज्ञान शिक्षक मुकेश कुमार दास व पीयूष कुमार झा के द्वारा कक्षा सप्तम व अष्टम के छात्र-छात्राओं से अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित दर्जनों प्रश्न पूछे गये. इस अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानाध्यापक अजय कुमार ने कहा कि 23 अगस्त 2023 को इसरो के द्वारा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर विक्रम लैंडर उपग्रह को सफलतापूर्वक भेजने का काम किया गया था. प्राचीन वैदिक ग्रंथों में भी खगोल विज्ञान व अंतरिक्ष विज्ञान की चर्चा की गयी. चंद्रमा पर उपग्रह भेजने वाला भारत विश्व का चौथा देश बन गया है. भारत के राकेश शर्मा, कल्पना चावला तथा सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष यात्रा के माध्यम से अंतरिक्ष अनुसंधान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है. अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं. जिसमें छात्र पढ़ाई कर अपने करियर को संवारने के साथ-साथ देश व विश्व के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं. इस अवसर पर पांच छात्रों कलम प्रदान कर पुरस्कृत किया गया. इस अवसर पर शिक्षक मुकेश कुमार, जितेंद्र कुमार, गोविंद कुमार, परवेज, प्रीति कुमारी महतो आदि उपस्थित थे. कार्यक्रम का समापन वंदे मातरम के सामूहिक गान से हुआ.
अंतरिक्ष पर हो रहे अनुसंधान से बच्चे हुए अवगत
सूर्यगढ़ा. राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के मौके पर शुक्रवार को सूर्यगढ़ा शिक्षांचल के मध्य विद्यालय मानो में कार्यक्रम आयोजित कर स्कूली बच्चों को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के उद्देश्यों की जानकारी दिया गया. मौके पर स्कूली बच्चों द्वारा पेंटिंग बनाकर चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग का चित्रण किया गया. बता दें 23 अगस्त को ही चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंड किया था. इसके बाद इस दिवस को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया.बच्चों के चंद्रयान-3 पर आधारित मॉडल को देख अभिभूत हुए शिक्षक
लखीसराय. नया बाजार स्थित स्काई विजन पब्लिक स्कूल ने पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस बड़े उत्साह और ऊर्जा के साथ मनाया. परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न कक्षाओं के सभी छात्रों ने कई रोमांचक और शैक्षिक गतिविधियों में भाग लिया. समारोह का उद्देश्य छात्रों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जिज्ञासा और रुचि जगाना था, जिससे उन्हें ब्रह्मांड के विशाल रहस्यों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. इस दिन का मुख्य आकर्षण छात्रों द्वारा सावधानीपूर्वक तैयार किये गये भारत के नवीनतम चंद्र मिशन चंद्रयान-3 पर आधारित मॉडल की प्रस्तुति थी. इस परियोजना ने न केवल उनकी रचनात्मकता और अंतरिक्ष अन्वेषण की समझ को प्रदर्शित किया. प्रधानाचार्य मैग्डलीन गोम्स ने छात्रों की लगन और रचनात्मकता की सराहना करते हुए सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में सीखने के लिए उनके उत्साह और प्रतिबद्धता के लिए मुझे हमारे छात्रों पर अविश्वसनीय रूप से गर्व है. आज का उत्सव न केवल अंतरिक्ष अन्वेषण के महत्व को पहचानने के बारे में है, बल्कि हमारे युवाओं में जिज्ञासा और नवाचार की भावना को बढ़ावा देने के बारे में भी है. चंद्रयान-3 मॉडल के अलावा, छात्रों ने क्विज़, वाद-विवाद और पोस्टर बनाने की प्रतियोगिताओं सहित विभिन्न श्रेणियों में भाग लिया, जो सभी अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान विषयों पर केंद्रित थे. गतिविधियों को मज़ेदार और शैक्षिक दोनों तरह से डिजाइन किया गया था, जिससे छात्रों को ब्रह्मांड के चमत्कारों की गहरी समझ हासिल करने में मदद मिली. कार्यक्रम का समापन विभिन्न श्रेणियों में छात्रों के उत्कृष्ट प्रयासों को मान्यता देने के लिए एक पुरस्कार समारोह के साथ हुआ. स्काई विजन पब्लिक स्कूल में पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह एक शानदार सफलता थी, जिसने छात्रों और शिक्षकों को अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य के बारे में प्रेरित और उत्साहित किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है