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जन्मजात बहरेपन से ग्रसित बच्चों का होगा बेहतर इलाज

शून्य से पांच वर्ष तक के जन्मजात बहरेपन से ग्रसित बच्चों की स्क्रीनिंग कर बेहतर इलाज सुनिश्चित करवाया जायेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | August 19, 2024 7:01 PM

लखीसराय. शून्य से पांच वर्ष तक के जन्मजात बहरेपन से ग्रसित बच्चों की स्क्रीनिंग कर बेहतर इलाज सुनिश्चित करवाया जायेगा. इस आशय कि जानकारी सिविल सर्जन डॉ बीपी सिन्हा ने दी. उन्होंने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा मूक बधिर (श्रवण बधिरता) बच्चों के कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी के लिए दिनांक 20 जनवरी 2023 को स्व डॉ एसएन मेहरोत्रा मेमोरियल इएनटी फाउंडेशन कानपुर के साथ एमओयू साइन किया गया है. इसके अनुसार इस संस्था के प्रतिनिधि के द्वारा लखीसराय जिला में स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन किया जायेगा और इसमें चिन्हित किये गये बच्चों का इलाज सुनिश्चित करवाया जायेगा. उन्होंने बताया कि संस्था एडिप योजना ( एसिस्टेंस टू डिसेबल्ड पर्सन स्कीम ) के अंतर्गत चिन्हित बच्चों के कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी के लिए बच्चों एवं उनके दो अभिभावकों के रहने और आने-जाने में होने वाले खर्चे का वहन संस्था के द्वारा स्वयं किया जायेगा. डीईआईसी मैनेजर सह कॉर्डिनेटर अंशु सिन्हा ने बताया कि लखीसराय जिला के हर एक प्रखंड में आरबीएसके के अंतर्गत चलंत चिकित्सा दल गठित है. इस दल के द्वारा प्रत्येक आंगनबाड़ी और सरकारी विद्यालयों में बच्चों कि 44 तरह कि बीमारियों कि जांच की जाती है, जिसमें श्रवण बधिरता भी शामिल है. उन्होंने बताया कि जिला के अंतर्गत जिन बच्चों का उम्र शून्य से पांच साल तक का है, जिन्हें जन्म से सुनने और बोलने में समस्या है, उनका अर्ली इंटरवेंशन एवं स्क्रीनिंग के माध्यम से पहचान कर पूर्ण इलाज निःशुल्क सुनिश्चित करवाना जैसे कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी बाल श्रवण योजना का मुख्य उद्देश्य है. इससे बच्चों के बोलने सुनने कि समस्या से उनमें होने वाली समग्र विकास में किसी प्रकार कि बाधा उत्पन्न न हो. उन्होंने बताया कि कैंप में बच्चों के सुनने और बोलने की क्षमता की मशीनों से जांच की जायेगी.

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