पांच वर्षों से प्रयासरत नगर परिषद शहर को जलजमाव से नहीं दिला सका निजात
33 वार्डों में विभक्त नगर परिषद लखीसराय में रिहायशी इलाकों की लगातार वृद्धि के कारण वर्षों से जलजमाव की समस्या से ग्रसित रहा है.
लखीसराय. 33 वार्डों में विभक्त नगर परिषद लखीसराय में रिहायशी इलाकों की लगातार वृद्धि के कारण वर्षों से जलजमाव की समस्या से ग्रसित रहा है. इससे निजात दिलाने को लेकर किये जा रहे प्रयास भी वार्ड पार्षदों के खींचतान को लेकर सफलीभूत नहीं हो पा रहा है. इंग्लिश मोहल्ला, भोला टोला आदि क्षेत्र से जलजमाव की निकासी को लेकर एनएच 80 पर ह्यूम पाइप डालने की योजना टेंडर की प्रक्रिया में उलझ कर रह गया है. मुख्य सड़क पर ह्यूम पाइप देकर जलजमाव को समाप्त करने को लेकर चार जगह के लिए टेंडर प्रकाशित किया गया था. टेंडर के बाद संवेदक द्वारा कार्यस्थल को अतिक्रमित बताते हुए टेंडर रद्द कर अग्रधन राशि वापस करने की मांग उठाया गया. इस तरह अन्य वार्डों के जलजमाव को समाप्त करने को लेकर भी 2020-21 से प्रयासरत नगर परिषद पांच वर्ष से अधिक समय के बाद भी शहर को जलजमाव से निजात दिलाने में सफल नहीं हो पायी है.
सभापति-उपसभापति एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में जुटे
अब संबंधित समस्या को लेकर सभापति और उपसभापति एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए आमने-सामने आ खड़े हुए हैं. एक दूसरे पर समाधान में व्यावधान का आरोप वार्ड पार्षदों की बैठक में ही लगाते दिख रहे हैं. उपसभापति शिव शंकर राम का आरोप जलजमाव से निजात की योजना में सभापति द्वारा अड़ंगा लगाने को लेकर लगातार जारी है. जबकि सभापति अरविंद पासवान जवाब में इंग्लिश, भोला टोला आदि क्षेत्र के जलजमाव समाप्ति को लेकर निकला टेंडर को उपसभापति द्वारा ही रद्द कराये जाने का आरोप लगाते हुए विकास में बाधक बनने की बात कह रहे हैं. इधर, इन दोनों नगर परिषद के शीर्ष जनप्रतिनिधि के आपसी खींचतान का खामियाजा शहरवासी भुगत रहे हैं. इधर, स्थिति यह है कि वार्ड दो, तीन, चार के साथ-साथ अंचल एवं प्रखंड कार्यालय से संबंधित वार्ड संख्या पांच में हल्की बारिश होने के बाद ही जलजमाव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है. जलजमाव को लेकर गंदगी पसर जाने पर लोगों का उन क्षेत्रों से आना-जाना भी मुश्किल हो जाता है. वार्ड पार्षदों की बैठक में यह समस्या हर बार उठाये जाने के बावजूद कभी मनसिंघा पइन की उड़ाही तो कभी बड़ी योजना लेने में आर्थिक संकट को लेकर सिमट कर रह जाता है. ले देकर प्रतिवर्ष जल जमाव की समस्या से मुक्त कराने को लेकर मनसिंघा पइन की खुदाई का कार्य शुरू किया जाता रहा है जो लूट खसोट का शिकार होकर विफल होता आ रहा है.पूरा लखीसराय नगर परिषद क्षेत्र पूर्व दिशा में किऊल नदी के तट पर बसा हुआ है. ऊंचाई को लेकर अधिकांश जल निकासी का रास्ता किऊल नदी में पहुंचने को लेकर वर्षों से अवरुद्ध होता रहा है. इसके लिए बड़ी योजना की जरूरत है. परंतु खंड-खंड में बंटे वार्ड के वार्ड आयुक्त द्वारा बड़ी योजना की स्वीकृति दिलाना मुमकिन नहीं हो पता है. इस संबंध में नगर परिषद के मुख्य सभापति अरविंद पासवान बताते हैं कि लगभग सभी वार्डो से जल निकासी को लेकर पश्चिम दिशा से निकलती बाइपास की ओर ले जाने की योजना तैयार किया गया है. नगर परिषद का इस और भी ध्यान है. जल्द से जल्द इसे मंजूरी दिलाने का प्रयास किया जायेगा.
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