अशोक धाम से कुरौता रेल बाइपास का निर्माण कार्य हुआ पूरा
अशोक धाम-कुरौता सरफेस ट्रायंगल रेल परियोजना का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है.
लखीसराय. मनकट्ठा-अशोक धाम-कुरौता सरफेस ट्रायंगल रेल परियोजना का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है. सरफेस ट्रायंगल में सिर्फ अब एनआइ का कार्य बचा हुआ है. जिसे पूरा करने के लिए दानापुर के अधिकारियों द्वारा विचार विमर्श किया जा रहा है. मनकट्ठा-कुरैता सरफेस ट्रायंगल रेल परियोजना को लेकर रेल पटरी बिछा दी गयी है. इसके साथ ही विद्युतीकरण का कार्य भी लगभग पूरा कर लिया गया है. ट्रेन परिचालन का ट्रायल जल्द ही शुरू किया जा सकता है. मोकामा, बरौनी गया की ओर जाने वाली ट्रेन विशेषकर मालगाड़ी अब लखीसराय एवं किऊल की ओर नहीं जायेगी. अशोक धाम हाल्ट से ही गया एवं तिलैया की और जाने के लिए रेल बाइपास के रास्ते निकलती रहेगी. वर्तमान में बरौनी से गया होकर धनबाद जाने के लिए मालगाड़ी को काफी घूमना पड़ता था, लेकिन मनकट्ठा अशोक धाम से कुरौता रेल बाइपास अब परेशानी नहीं होगी. रेल बाइपास को जल्द ही पूरा कर लिया गया है. जिस पर अब ट्रेनों का परिचालन जल्द शुरू हो सकता है.
एनआइ विभाग का कार्य होना रह गया शेष
मनकट्ठा-कुरौता सरफेस ट्रायगंल रेल परियोजना में एनआइ विभाग का कार्य अब शुरू कराया जाना है. इसके लिए सबसे पहले एनआइ विभाग दानापुर डिवीजन के अधिकारियों के द्वारा निरीक्षण किया जायेगा. जिसके बाद ही रेल परिचालन का ट्रायल शुरू किया जा सकता है. इसके लिए अब अधिक दिनों तक का इंतजार नहीं है. लखीसराय गया रेलखंड का दोहरीकरण का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है. अब सिर्फ नवादा व तिलैया के बीच ही दोहरीकरण का कार्य बचा हुआ है. इससे पूर्व ही मनकट्ठा-कुरौता सरफेश ट्रायंगल कार्य को पूरा कर लिया जाना है.किऊल-लखीसराय स्टेशन पर ट्रेन परिचालन का दबाव होगा कम
पटना व बरौनी रेलखंड से आने वाली व गया की ओर जाने वाली ट्रेन को अब मनकट्ठा अशोक धाम से ही बाइपास कराते हुए कुरौता होते शेखपुरा नवादा गया की और निकाल दिया जायेगा. इससे लखीसराय किऊल स्टेशन पर परिचालन का दबाव कम हो जायेगा. वहीं कुरौता एवं अशोक धाम हाल्ट का विस्तारीकरण भी हो जायेगा. भविष्य में कुरौता पचौता के साथ-साथ अशोक धाम का भी महत्व काफी बढ़ेगा.बोले अधिकारी
एसएम विकास चौरसिया ने कहा कि सरफेस ट्रायंगल का कार्य दानापुर डिवीजन से कंट्रोल हो रहा है. मनकट्ठा-कुरौता सरफेस ट्रायंगल का कार्य लगभग पूरा देखा जा रहा है. एनआइ कार्य होने के बाद ही परिचालन को लेकर वरीय अधिकारी के हरी झंडी मिलने पर ही ट्रायल शुरू हो सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है