बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ, एक्टू की बैठक में लिया फैसला
लखीसराय. बिहार राज्य विद्यालय रसोईया संघ, ऐक्टू की एक बैठक रविवार को शिक्षक संघ भवन में संपन्न हुई. बैठक को संबोधित करते हुए संघ की महासचिव सरोज चौबे ने कहा कि रसोइयों से सरकार साल भर काम लेती है, लेकिन 10 महीने का ही मानदेय देती है. रसोइयों को महज 1650 रुपये मानदेय मिलता है वह भी नियमित नहीं मिलता. उनसे विद्यालय में झाड़ू लगवाया जाता है. शौचालय में पानी डलवाया जाता है. उनके साथ विद्यालय में सम्मानजनक व्यवहार भी नहीं किया जाता. जबकि नीतीश जी महिलाओं के सम्मान व सशक्तिकरण की बात करते थकते नहीं. इसीलिए रसोइयों को अपने हक के लिए संघर्ष करना होगा और संघर्ष शुरू करने के लिए मजबूत संगठन बनाना होगा. सरकार रसोइयों को न्यूनतम मजदूरी तक नहीं देती. महंगाई के इस जमाने में 1650 रुपये में कैसे किसी का गुजर हो सकता है. बिहार में मध्याह्न भोजन योजना में एनजीओ को प्रवेश कराया जा रहा है. 29 जिलों के 11 हजार विद्यालयों में एनजीओ के जरिये भोजन की आपूर्ति की जा रही है. एनजीओ अपने फायदे के लिए काम करते हैं और बच्चों को घटिया खाने की आपूर्ति करते हैं. उन्होंने कहा कि जब से मोदी सरकार आयी है उसने एक पैसा भी नहीं बढ़ाया. ऊपर से रसोइयों पर काम का बोझ बढ़ता जा रहा है. इसके खिलाफ 28 जनवरी को जिलाधिकारी के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया जायेगा. बैठक में रंजना देवी, शैला देवी, शशिकला कुमारी, जहानी खातून, जैनतु खातून, मीरा देवी, रुक्मिणी देवी, रूका देवी, बेबी देवी, चांद परी व रेखा देवी ने भाग लिया. बैठक में कई शिक्षक नेता व भाकपा- माले नेता व कार्यकर्ताओं ने भाग लिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है