फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को सफल बनाने का लिया निर्णय
जिला मुख्यालय सदर अस्पताल के सभागार में शनिवार को फाइलेरिया उन्मूलन के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की बैठक आयोजित की गयी.
लखीसराय. जिला मुख्यालय सदर अस्पताल के सभागार में शनिवार को फाइलेरिया उन्मूलन के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की बैठक आयोजित की गयी. जिसमें पीरामल फाउंडेशन की टीम, ललिता सेवा संस्थान, पीएमपीए, छत्रछाया एवं एसएमएसवी एनजीओ के सदस्य शामिल हुए. बैठक का मुख्य उद्देश्य बिहार सरकार के साथ मिलकर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में सहयोग करना था. बैठक के दौरान फाइलेरिया संबंधित चर्चा में कहा गया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो मच्छर के काटने से फैलती है. यह बीमारी शरीर के अंगों में सूजन और विकृति पैदा कर सकती है, जिससे व्यक्ति के जीवन की गुणवत्ता प्रभावित होती है. भारत सरकार ने इस बीमारी के उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की है. 10 अगस्त से जिले में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम की शुरुआत की जायेगी. इस कार्यक्रम का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों तक दवा पहुचाना है, जिससे फाइलेरिया को जड़ से समाप्त किया जा सके. बैठक में शामिल एनजीओ और सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि ने चर्चा की कि कैसे वे इस अभियान को सफल बनाने में अपना सहयोग दे सकते हैं. जिसमे संगठन ने संकल्प लिया कि वे जागरूकता फैलाने और दवा वितरण में सक्रिय भूमिका निभायेंगे. इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, एनजीओ प्रतिनिधि और स्थानीय समुदाय के सदस्य उपस्थित थे. सभी ने मिलकर फाइलेरिया को जड़ से मिटाने के लिए कड़ी मेहनत करने का भी संकल्प लिया.
स्वस्थ व्यक्ति को भी खानी है फाइलेरिया रोधी दवा
लखीसराय. जिला दवा वेक्टर रोग नियंत्रण पदाधिकारी गौतम प्रसाद ने कहा कि 10 अगस्त से चलने वाले सर्वजन दवा सेवन अभियान के तहत खुद भी फाइलेरिया रोधी दवा खानी है और अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी इसके उपयोग के लिए समझाना है. एमडीए अभियान के दौरान दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवाएं फाइलेरिया बीमारी की नहीं बल्कि इससे बचाव की दवा है. इसे हर स्वस्थ व्यक्ति को खाना चाहिए. क्योंकि इस बीमारी से बचने के लिए दवा खाना ही विकल्प है. बस ये याद रखना है की एमडीए अभियान के दौरान दी जाने वाली दवा दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिला के साथ गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्तियों को नहीं खानी है. कभी भी भूखे पेट इस दवा को नहीं खानी है. जिस आशा एवं आंगनवाड़ी को एमडीए टीम में शामिल किया गया है, उन्हें ये बात प्रशिक्षण में बताया जा रहा है कि जब भी वो दवा खिलाने जायें तो सामने में ही दवा खिलाए. किसी को सिर्फ उपलब्ध कराकर छोड़ने का कार्य नहीं करें. लगातार पांच साल खाने से फाइलेरिया नामक बीमारी के झंझट से ही मुक्ति मिल जायेगा. समाज को उत्थान और उन्नति के लिए फाइलेरिया मुक्त होना बहुत जरूरी है. फाइलेरिया मुक्त समाज से ही हमारा भविष्य सुरक्षित होगा. भविष्य के समृद्ध युवा पौध को तैयार करने के लिए मौजूदा बच्चों की पीढ़ी को फाइलेरिया के संक्रमण से बचाना होगा. यह समाज के शारीरिक और आर्थिक उत्थान के लिए भी बेहद जरूरी है. देश में अपंगता का दूसरा सबसे बड़ा कारण फाइलेरिया है. यह जितनी जटिल बीमारी है, उतना ही सरल इसका निदान भी. बस सिर्फ इसके लिए हमें तत्पर रहकर अपनी सहभागिता निभानी होगी.फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर आशा कार्यकर्ताओं को दिया प्रशिक्षण
रामगढ़ चौक. प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामगढ़ चौक में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर चार पंचायत के सभी आशा कार्यकर्ताओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर कंचन, प्रबंधक अरुण कुमार, पीरामल राहुल कुमार, पीसीआई अमित कुमार, बीसीएम माला कुमारी, केटीएस रत्नेश चंद्र पांडेय एवं ग्राम पंचायत औरे, भवंरिया, सूरारी इमामनगर एवं बिल्लो की सभी आशा कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण में सभी आशा कार्यकर्ता को स्पष्ट रूप से बताया गया कि आगामी 10 अगस्त से लगातार 17 दिनों तक फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम चलेगा. जिसमें 14 दिनों तक सभी को घर-घर परिभ्रमण कर अपनी उपस्थिति में फाइलेरिया की दवा खिलानी है एवं तीन दिनों तक सभी विद्यालय में बच्चों के बीच दवा का वितरण किया जायेगा. फाइलेरिया जिसका दूसरा नाम हाथी का पांव भी है, इस बीमारी के पकड़ लेने के बाद इलाज में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इससे बचाव हेतु प्रतिवर्ष जो फाइलेरिया की डीईसी, एल्बेंडाजोल एवं आईभर मेक्टिन की गोलियां दो वर्ष से ऊपर के सभी व्यक्ति को खिलायी जायेगी. दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से पीड़ित व्यक्ति को गोली नहीं खिलायी जायेगी. इसके अलावा खाली पेट में गोली नहीं खिलानी है. इसका भी निर्देश दिया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है