लखीसराय. जिला समाहरणालय परिसर स्थित मंत्रणा कक्ष के सभागार में मंगलवार को डीडीसी सुमित कुमार की अध्यक्षता में जल-जीवन-हरियाली दिवस का आयोजन किया गया. प्रत्येक माह में आयोजित होने वाले इस दिवस को लेकर इस माह ग्रामीण क्षेत्रों में जल-जीवन-हरियाली योजना के क्रियान्वयन विषय पर परिचर्चा आयोजित किया गया. डीडीसी ने अपने संबोधन में जलवायु परिवर्तन, जल संकट और हरित आवरण में कमी जैसी चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला. साथ ही जल-जीवन-हरियाली अभियान अंतर्गत मनरेगा से क्रियान्वित कार्यों पर चर्चा किया. जिसमें सार्वजनिक जल संचयन संरचना तालाब, पोखर पइन के जीर्णोद्धार, सार्वजनिक चापाकल के समक्ष सोखता निर्माण, पहाड़ी क्षेत्रों में चेक डैम निर्माण, नष्ट जल स्रोतों का सृजन करने, भवनों पर वर्षा का जल संचयन की संरचना तैयार करने, अधिशेष नदी से जल विहीन क्षेत्र में पानी ले जाने का उपाय करने, पौधारोपण एवं पौधशाला निर्माण पर बल दिया. ग्रामीण विकास विभाग मनरेगा द्वारा चयनित इस परिचर्चा के मुख्य उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए डीआरडीए डायरेक्टर नीरज कुमार ने कहा कि महत्वाकांक्षी, बहू हितधारक इस कार्यक्रम का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से कारगर ढंग से निपटने, जल निकायों का संरक्षण और जीर्णोद्धार जल प्रदूषण मुक्त रखना, भू-जल स्तर को बनाये रखना, पर्याप्त जल उपलब्धता सुनिश्चित करना, बदलते परिवेश के अनुरूप कृषि ऊर्जा की बचत तथा जलवायु जागरूकता को बढ़ावा देना है. इस परिचर्चा में मनरेगा के अधिकारी एवं कर्मी शामिल थे.
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