Lakhisarai News : हिंदी दिवस पर त्रैमासिक पत्रिका नवलकंठ के 13वें अंक का डीएम ने किया विमोचन

कार्यक्रम में पांच कवियों को किया गया सम्मानित

By Prabhat Khabar News Desk | September 14, 2024 11:11 PM
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लखीसराय.

जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन लखीसराय की ओर से चितरंजन रोड स्थित लायंस क्लब हॉल में प्रो विजेंद्र प्रसाद सिंह जिलाध्यक्ष की अध्यक्षता में हिंदी दिवस कार्यक्रम संपन्न हुआ. जिसका शुभारंभ डीएम मिथिलेश मिश्र, एडीएम सुधांशु शेखर, जिला कला एवं खेल पदाधिकारी मृणाल रंजन, शायर मोहम्मद सैयद इजराफिल, प्रो विजेंद्र प्रसाद सिंह, संगठन के जिला संगठन मंत्री अरविंद कुमार भारती ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. मौके पर संगठन की ओर से प्रकाशित होने वाली त्रैमासिक पत्रिका नवलकंठ के 13वें वर्ष के 19-20 अंक का विमोचन डीएम, अपर समाहर्ता महोदय सहित अन्य अधिकारियों द्वारा किया गया. मौके पर आगत अतिथियों का स्काउट गाइड की छात्राओं ने स्वागत किया. महिला विद्या मंदिर की छात्राओं ने स्वागत गीत गया एवं प्रो विजेंद्र प्रसाद सिंह अध्यक्ष ने सभी आगत अतिथियों का स्वागत किया तथा अधिकारियों का बूके, चादर व फूल माला से सम्मानित किया. इस अवसर पर जिले के पांच कवियों को जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन ने अपनी साहित्यकारिता, कविता और उपस्थिति के कारण सम्मानित किया. सम्मानित होने वालों में उच्च विद्यालय पुरानी बाजार के पूर्व प्राचार्य सिद्धेश्वर प्रसाद सिंह, टीएलएन कॉलेज लोहरा के प्राचार्य प्रो मनोरंजन कुमार, कजरा के डॉ आरलाल गुप्ता, युवा कवि राजकुमार हैं. इस अवसर पर जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के सचिव देवेंद्र आजाद, नवलकंठ पत्रिका के संपादक राजेश्वरी प्रसाद सिंह, राजेंद्र कंचन, कामेश्वर यादव, जयप्रकाश सिंह अध्यक्ष साइंस फॉर सोसाइटी लखीसराय, सीताराम सिंह लाइंस, राम गोपाल ड्रोलिया, दशरथ प्रसाद महतो, जीवन पासवान, धनेश्वर पंडित, मुंद्रिका सिंह, दशरथ प्रसाद महतो आदि कवियों ने कविता पाठ भी किया एवं मो. सैयद इजराफिल ने एक अच्छा भजन सुनाया. कार्यक्रम के दौरान मंच संचालन प्रो मनोरंजन कुमार ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन नवलकंठ के प्रधान संपादक अरविंद कुमार भारती ने किया. मौके पर डीएम ने कहा कि आज हमारे लिए गौरव का दिन है. हम हिंदी दिवस मना रहे हैं. हम लोग हिंदी भाषा क्षेत्र के हैं. हिंदी हमारे लिए मातृभाषा है, हमारे लिए गौरव का विषय है. हम सबको हिंदी में काम करना चाहिए और इस हिंदी दिवस के अवसर पर तमाम लोगों से आग्रह करते हैं कि हिंदी को खूब उपयोग करें. उन्होंने इस तरह के कार्यक्रम के लिए आयोजक को धन्यवाद दिया. वहीं अपर समाहर्ता ने कहा कि जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन हिंदी दिवस प्रत्येक वर्ष मनाता है, इसके लिए बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि हिंदी का प्रचार-प्रसार करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है और तमाम कवियों के प्रति मैं हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं.

जो कलम चलाकर हिंदी में रचना करते थे नित नवीन…

लखीसराय.

नादान नहीं थे हरिश्चंद्र, मतिराम नहीं थे बुद्धिहीन, जो कलम चलाकर हिंदी में रचना करते थे नित नवीन…. महाकवि गोपाल सिंह नेपाली रचित कविता पाठ कर स्कूली बच्चों द्वारा शनिवार को हिंदी दिवस मनाया गया. नाथ पब्लिक स्कूल की कक्षा नवम छात्रा कुमारी सिमरन ने जब उक्त पंक्तियों को स्वर दिया, तो वहां मौजूद शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने तालियों की गड़गड़ाहट से उसकी हौसला बढ़ाया. हिंदी दिवस पर कविता पाठ के अलावा भाषण, निबंध लेखन एवं चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया. स्कूल प्रबंधन ने हिंदी निबंध लेखन एवं कविता पाठ में छात्रा सिमरन कुमारी को प्रथम,अष्टम के छात्र राजीव कुमार को द्वितीय तथा छात्र अर्णव व छात्रा नित्या कुमारी को तृतीय स्थान दिया, जबकि चित्रांकन प्रतियोगिता छात्र जय राजा शर्मा को प्रथम, आरुषि व नंदिनी को द्वितीय एवं निधि कुमारी को तृतीय पुरस्कार के लिए चयन किया गया. मौके पर नाथ पब्लिक स्कूल के सचिव विश्वनाथ प्रसाद ने कहा कि हिंदी दिवस भाषा को सम्मान देने और युवा पीढ़ी के बीच इसे और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए मनाया जाता है. संस्थान के प्रबंधक नाथ अमिताभ ने हिंदी दिवस पर आयोजित प्रतियोगिताओं में बेहतर परफॉर्मेंस करने वाले बच्चों को पुरस्कृत करने की घोषणा की. उधर, रेहुआ रोड स्थित लाल इंटरनेशनल स्कूल में हिंदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये गये. कक्षा सप्तम की छात्रा मिताली राज ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर रचित कविता जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है… को धाराप्रवाह स्वर दिया. उसकी भाषा शैली और स्वर लहरी से उपस्थित शिक्षक कायल हो गये. इसके अलावे छात्र अंकित कुमार, विवेक कुमार, अंकुश कुमार, छात्रा राधा कुमारी, सानू कुमारी, सोनाली कुमारी व अमृता कुमारी ने अपनी कविता सुनायी. लाल इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर मुकेश कुमार ने इस मौके पर कहा कि 14 सितंबर 1949 को ही भारत की संविधान सभा में हिंदी को देश की औपचारिक भाषा का दर्जा देने की घोषणा हुई थी. इसलिए इस दिन को खास बनाने के लिए ही हर साल हिंदी दिवस के रूप में उक्त तिथि को याद किया जाता है.

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