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डीएम के आशा कार्यकर्ता के चयन मुक्त कार्रवाई का सेवांजलि ने किया विरोध

डीएम के आशा कार्यकर्ता के चयन मुक्त कार्रवाई का सेवांजलि ने किया विरोध

डीएम के आशा कार्यकर्ता के चयन मुक्त कार्रवाई का सेवांजलि ने किया विरोध

सिविल सर्जन को आवेदन देकर एक तरफा कार्रवाई पर पुनर्विचार का किया मांग

स्वास्थ्य समिति के पदाधिकारी पर आशा को दंडित करने की साजिश का आरोप

सेवांजलि ने डीएम के निर्देश के आड़ में आशा को प्रताड़ित करने की साजिश का आरोप लगाया

प्रतिनिधि, लखीसराय

डीएम रजनीकांत के द्वारा परफॉर्मेंस के आधार पर आशा के चयन मुक्त करने के निर्देश का सेवांजली ने विरोध किया है. बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ सेवांजलि के स्थानीय इकाई ने महामंत्री विकास कुमार सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को जिला स्वास्थ्य समिति के पदाधिकारी पर आशा को दंडित करने के साजिश का आरोप लगाते हुए सीएस डॉ बीपी सिन्हा को मांग पत्र सौंप आशा कार्यकर्ता की समस्या समाधान का मांग किया है. जिसमें प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक द्वारा असहयोग एवं दोहन का आरोप भी लगाया गया है. मांग पत्र के अनुसार जिला स्वास्थ्य समिति के प्रबंधक एवं कुछेक अन्य कर्मियों द्वारा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विफलता का श्रेय सिर्फ आशा कार्यकर्ता पर मढ़कर उन्हें दंडित कराने का दुर्भाग्यपूर्ण प्रयास किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की जनोपयोगी योजना का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सिर्फ आशा एवं एएनएम के भरोसे नहीं संचालित हो सकता, इसमें प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर तक के पदाधिकारियों का कर्तव्य भी निर्धारित है. विभागीय बैठक में जिला का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाने की स्थिति में सारा दोष आशा पर मढ़कर अन्य पदाधिकारी को बचाने की कार्रवाई की जा रही है जो किसी भी मायने में उचित प्रतीत नहीं होता है. डीएम के समीक्षा बैठक में सिर्फ आशा को लक्षित कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जा रहा है. आशा की कठिनाई की ओर ध्यान आकृष्ट कराये जाने पर अधीनस्थ पदाधिकारियों को कार्रवाई करने के लिए लिखा गया पत्र रद्दी की टोकरी में फेंक दिया गया. इसके कार्यक्षेत्रों का आवंटन ठीक से नहीं हुआ, अश्विन पोर्टल का आईडी एवं पासवर्ड अबतक उपलब्ध नहीं कराया गया है और न ही उन्हें प्रशिक्षित किया गया है. कई प्रखंड स्वास्थ्य उत्प्रेरक असहयोग की भूमिका निभा रहे हैं. प्रोत्साहन राशि प्राप्त करने में भी निजी स्वार्थों की पूर्ति करने के लिए विवश किया जा रहा है. जो आशा ऐसा नहीं करती है उसके प्रोत्साहन राशि में कटौती कर सूचना देने पर जिला स्वास्थ्य समिति के पदाधिकारी के सहयोग से चयनमुक्त कराने की बात कही जाती है. ऐसे में आशा को निराशा एवं दहशत के माहौल में कार्य करने के लिए विवश होना पड़ रहा है.

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