पुण्यतिथि पर याद किये गये डॉ कुमार शरदचंद्र
प्रसिद्ध बालिका विद्यापीठ में डॉ कुमार शरदचंद्र की पुण्यतिथि मनायी गयी.
लखीसराय. प्रसिद्ध बालिका विद्यापीठ में डॉ कुमार शरदचंद्र की पुण्यतिथि मनायी गयी. जिसमें सभी शिक्षक व छात्रावास की छात्राओं ने भाग लिया. इस दौरान उनकी चित्र पर विद्यालय परिवार की ओर से पुष्पांजलि अर्पित करते हुए अपनी ओर से श्रद्धा निवेदित की गयी. मौके पर विद्यालय परिवार की ओर से बताया कि चिरस्मरणीय भाई जी सर्वप्रिय विनम्र स्वभाव के सुयोग्य, कार्यकुशल एवं प्रतिभा संपन्न व्यक्तित्व के धनी थे. जिसका जन्म 19 दिसंबर 1936 को आंध्र प्रदेश के तेनाली ग्राम में हुआ था. जब श्रीयूत बृजनंदन बाबू हिंदी प्रचार के कार्य में संलग्न दक्षिण भारत के अभियान पर थे, माता विद्या देवी के गोद में इनका अभी भाव हुआ था. बचपन से ही ये सौम्य स्वभाव के धनी भाई जी का शिक्षा दीक्षा बेहतर ढंग से हुआ शिक्षा उपरांत बरबीघा कॉलेज में अर्थशास्त्र के प्रवक्ता और बाद में केएसएस कॉलेज लखीसराय के प्राचार्य बने. 25 अक्तूबर 1979 को बाबूजी के असामयिक निधन के बाद भैया जी के कंधे पर बालिका विद्यापीठ की पूर्ण जिम्मेदारी आ गयी थी. स्त्री शिक्षा के जिस अभियान का बीड़ा बाबूजी ने उठाया था. उसे भाई जी ने पूरे मनोयोग से मृत्युपर्यंत पूरा करते रहे. दो अगस्त 2014 को जब कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उनकी हत्या कर दी गयी, जिससे पूरा बालिका विद्यापीठ परिवार स्तब्ध हालत में था. आज भी इस परिसर के कण-कण में उनकी आत्मा वास करती है. जिस संस्था को चलाने और उसे सतत विकास देने के लिए उन्होंने अनेकों झंझावातो का सामना किया, उसके ऊपर उनका आशीष आज भी बना हुआ है और इन्हीं से प्रेरणा पाकर संस्था विकास पथ पर अग्रसर है. शुक्रवार को उनकी पुण्यतिथि को सभी छात्राओं शिक्षकों एवं स्वयं प्राचार्या कविता सिंह ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि दी और सभी शिक्षकों ने दो मिनट का मौन रखा और उनके कृत्यों को याद करते हुए वरीय शिक्षक श्याम उदय सिंह जो उनके शिष्य भी रहे चुके थे. भैया जी को एक बेहतर संचालक के साथ एक सुयोग्य शिक्षक के रूप में भी याद किया. शिक्षक गणेश कुमार ने भैया जी को बहुभाषाविद भाव बहुमुखी प्रतिभा के धनी बताया, तो ललीतांशु सिंह ने उनके महत्व को रेखांकित करते हुए उन्हें व्यक्तित्व के चिर स्मरणीय पहलुओं से लोगों को अवगत कराया. मौके पर प्रचार्या कविता सिंह ने माल्यार्पण करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलते हुए विद्यालय को सतत विकास देने का संकल्प लेकर उनके दिवंगत आत्मा की शांति और सद्गति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.
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