भूमिहीन, भवनहीन प्राथमिक विद्यालय के अस्तित्व को बचाने का प्रयास
वर्ष 2006 में स्थापित दलित बाहुल्य वार्ड 13 संतर मोहल्ला में प्राथमिक विद्यालय संतर ग्रिड के अस्तित्व पर ही अब खतरा उत्पन्न हो गया है.
लखीसराय. वर्ष 2006 में स्थापित दलित बाहुल्य वार्ड 13 संतर मोहल्ला में प्राथमिक विद्यालय संतर ग्रिड के अस्तित्व पर ही अब खतरा उत्पन्न हो गया है. इसके अन्य विद्यालयों के तरह भवनहीन भूमिहीन होने को लेकर संविलियन का आदेश निर्गत किया जा चुका है. वैसे वार्ड पार्षद सह विद्यालय शिक्षा समिति के पदेन अध्यक्ष बबीता देवी के प्रयास से जमीन की खोज कर अंचल से एनओसी दिलाने के बाद विभाग द्वारा इसके मर्ज पर रोक लगाये जाने को लेकर अनुरोध पत्र भेजा गया है. इन दिनों शहर के पुरानी बाजार चितरंजन रोड नया टोला में स्थित महिला विद्या मंदिर मध्य विद्यालय भवन में तीन-तीन विद्यालयों का संचालन हो रहा है. जबकि इसी कैंपस में स्थापित सीआरसी सेंटर के भवन में शिक्षा विभाग के स्थापना शाखा का कार्यालय भी संचालित है. जाहिर है वर्ग कक्ष की कमी से पठन-पाठन को लेकर भी परेशानी हो रही है. कुछ दिनों तक तो शिक्षा विभाग ने एक नायाब तरीका निकाल समस्या दूर करने का प्रयास किया था. इस विद्यालय में शिफ्ट किये गये प्राथमिक विद्यालय संतर ग्रिड एवं प्राथमिक विद्यालय गरभू स्थान का संचालन सुबह सात से 12 बजे तक तो मूल विद्यालय की शैक्षणिक व्यवस्था 12 बजे से प्रारंभ होकर पांच बजे संध्या तक हो रही थी. मध्य विद्यालय महिला विद्या मंदिर की प्रधान शिक्षिका लगातार शिक्षा विभाग से समस्या के समाधान की मांग करती रही है.
लगभग छह माह पूर्व ही महिला विद्या मंदिर मध्य विद्यालय में मर्ज करने का था आदेश
इसी बीच शिक्षा विभाग प्राथमिक शिक्षा के निदेशक मिथिलेश मिश्रा द्वारा लगभग छह माह पूर्व ही भवनहीन, भूमिहीन विद्यालयों को नजदीक के विद्यालय में मर्ज करने का निर्देश जारी कर दिया गया. जिससे प्राथमिक विद्यालय संतर ग्रिड के अस्तित्व पर ही खतरा उत्पन्न हो गया है. ऐसे में वार्ड पार्षद प्रतिनिधि राम पासवान द्वारा जमीन की उपलब्धता संबंधी जानकारी दिये जाने एवं जमीन नहीं होने पर धरना-प्रदर्शन एवं रोड जाम करने की धमकी दिये जाने के बाद विभाग द्वारा इसके संविलियन पर रोक लगाने का अनुरोध पत्र भेजा गया है. इस संबंध में मार्च माह में ही जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से जमीन के विस्तृत जानकारी की मांग की गयी थी. इस संबंध में स्थापना डीपीओ संजय कुमार द्वारा विगत एक जुलाई को पत्र भेज कर समग्र शिक्षा अभियान के कार्यालय के साथ-साथ जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी जमीन से संबंधित विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराया गया है. बताते चलें कि शहर की सबसे मलिन बस्ती के रूप में चर्चित संतर मोहल्ला में शिक्षा का अलख जलाने को लेकर कोई सार्थक कदम अभी तक उठाये जाने का प्रयास नहीं किया गया है. स्थिति यह है कि एक विधानसभा के प्रतिनिधि विधायक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रधान कार्यालय, शिक्षा विभाग को समृद्धशाली बनाने को लेकर संचालित समग्र शिक्षा अभियान का जिला स्तरीय कार्यालय इसी महादलित बाहुल्य टोला में है. इस वार्ड में पीएचईडी विभाग के द्वारा पेयजल संचालन को लेकर टंकी व यांत्रिक कक्षा की स्थापना वर्षों पूर्व से कर दी गयी है. इसके बावजूद एक विद्यालय की स्थापना यहां अब तक नहीं हो सकी है. जबकि वर्ष 2006 में ही इस महादलित टोला को लेकर प्राथमिक विद्यालय ग्रिड संतर मोहल्ला की स्थापना कर दी गयी है. वर्षों तक किराये के मकान में चलने के बाद वर्ष 2013 में इसे महिला विद्या मंदिर मध्य विद्यालय में एडजस्ट कर दिया गया है. जहां एक ही विद्यालय परिसर में तीन-तीन विद्यालय का संचालन किया जा रहा है. पर्याप्त शिक्षक के साथ प्रथम वर्ग से लेकर पंचम वर्ग तक की पठन पाठन कार्य जारी है.डीपीओ स्थापना की तरफ से डीएओ को भूमि उपलब्धता से संबंधित भेजा गया पत्र
उधार के बिल्डिंग में चल रहे इस विद्यालय को लेकर विभाग ने दो कमरे किसी तरह से उपलब्ध कराये हैं, यहां पर समायोजित इस विद्यालय को लेकर कोई भी संसाधन उपलब्ध कराना विभागीय लोगों के लिए भी सिरदर्द बन गया है. कमोवेश इसी हालात में प्राथमिक विद्यालय गरभू स्थान भी संचालित हो रहा है. देखना है संतर ग्रिड के नाम से स्थापित इस प्राथमिक विद्यालय का अस्तित्व बच पाता है या नहीं. प्राथमिक शिक्षा सह समग्र शिक्षा अभियान डीपीओ दीप्ति के अनुसार संबंधित कागजात के साथ राज्य मुख्यालय को इसके संविलियन पर रोक लगाने को लेकर अनुरोध पत्र भेजा गया है. राज्य स्तरीय लिए गये निर्णय के अनुपालन पर रोक भी मुख्यालय से ही संभव है. जिले के चानन प्रखंड क्षेत्र के एक एवं कजरा शिक्षांचल के दो विद्यालय का भी ऐसा ही मामला चल रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है