Lakhisarai news : सरकारी योजना का लाभ लेने में किसान उदासीन
विभिन्न समस्याओं को लेकर लाभकारी योजना भी हो रहा विफल
लखीसराय. धनहर क्षेत्र के रूप में चिह्नित होने के बावजूद लखीसराय जिला में विभिन्न समिति द्वारा धान अधिप्राप्ति का कार्य वास्तविक लाभुकों को लाभ पहुंचाने में विफल साबित हो रहा है. जबकि समिति एवं बिचौलियों के लिए यह आमदनी का पूरी तरह जरिया बन चुका है. पैक्स में धान देने को लेकर किसानों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिसमें धान को सुखाने, बोरा में पैकिंग करने, ट्रैक्टर से समिति के गोदाम या मिल तक पहुंचाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है और समय भी बरबाद होता है. जबकि बिचौलिया कहे या व्यापारी सीधे किसान के खलिहान से धान उठा रहे हैं. समिति भी विभिन्न कारणों से निर्धारित दर से लगभग सौ से डेढ़ सौ रुपये कम के ही रेट पर धान खरीद रहे हैं. जबकि 18 से 19 सौ रुपये क्विंटल के दर से किसानों से घर बैठे व्यापारी बिना पैकिंग व ढुलाई के झंझट से मुक्त करते हुए धान खरीद रहे हैं. इस तरह किसानों के लिए अति लाभकारी यह योजना अपने वास्तविक उद्देश्य में विफल रह रहा है. धान की उपज हुए एक से डेढ़ माह समय बीतने को है और मुश्किल दो दिन पूर्व ही इसके लिए फोर्टिफाइड चावल गोदाम की व्यवस्था की गयी है. ऐसे में पैक्स के पास अगर गोदाम ना हो तो मिल के गोदाम के पास चक्कर लगानी पड़ती है. इधर, जिला सहकारिता पदाधिकारी कुमारी सुमन ने बताया कि धान काटने के शुरुआती समय से ही किसानों से जिले में धान की खरीद का कार्य शुरू है. सरकारी लाभ उठाने को लेकर प्रक्रिया तो पूरी करनी ही पड़ेगी.
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